रायपुर: इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी, छत्तीसगढ़ द्वारा विमानतल कर्मियों के लिए फर्स्ट-एड (प्राथमिक सहायता) पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। रायपुर के स्वामी विवेकानन्द विमानतल पर 2 मार्च से 4 मार्च तक इसका आयोजन किया गया था। इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी, छत्तीसगढ़ शाखा के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने प्राथमिक सहायता प्रशिक्षण में पहुंचकर प्रशिक्षु कर्मियों का उत्साहवर्धन कर उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की दुर्घटना कहीं भी, कभी भी हो सकती है। हर व्यक्ति को फर्स्ट-एड की जानकारी होनी चाहिए। घायलों की जान बचाना मानवता का कार्य है। रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा आगे भी इस तरह के प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा। बालमुकुंद दुबे द्वारा विमानतल कर्मियों को फर्स्ट-एड का प्रशिक्षण दिया गया।
क्या है फर्स्ट एड।
फर्स्ट एड वह प्रक्रिया है जिसमें इमरजेंसी की स्थिति में समस्या की पहचान कर तुरंत मदद पहुंचाना है। इसका मुख्य उद्देश्य कम से कम इक्विपमेंट और बिना मेडिकल अनुभव के जीवन को बचाना है। इस प्रक्रिया को मेडिकल उपचार में काउंट नहीं किया जाता है।
फर्स्ट एड देना क्यों जरूरी
हादसे के बाद घायल व्यक्ति को कई बार तुरंत अस्पताल ले जाना पाना संभव नहीं हो पाता। ऐसे में उस घायल व्यक्ति को तुरंत फर्स्ट एड देना जरूरी हो जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति को तत्काल एक लाइफ सपोर्ट मिला जाता है। इससे व्यक्ति के जल्द ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है।
फर्स्ट ऐड बॉक्स में क्या
फर्स्ट ऐड बॉक्स एक ऐसी किट होती है जिसमें इमरजेंसी की स्थिति में बचाव के लिए दवाएं, उपकरण और कुछ जरूरी सामान होते हैं। इनकी मदद से घायल व्यक्ति को शुरुआती उपचार देकर उसकी जान बचाई जा सकती है। इसलिए इस बॉक्स को हर उस जगह पर रखने की सलाह दी जाती है जहां हादसे होने की संभावना ज्यादा होती है। वैसे इसका हर जगह होना जरूरी होता है।