प्रियंका गांधी और पीएल पुनिया से मिलने दिल्ली पहुँचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल,सियासी हलचल तेज,निगम मंडल में नियुक्ति के साथ सरकार के अंदरूनी खींचतान पर हो सकती है चर्चा


जशपुरनगर, द प्राइम न्यूज नेटवर्क। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस के आला नेताओ से मिलने दिल्ली पहुँच चुके है। तय कार्यक्रम के अनुसार वे राज्य सभा सांसद और प्रदेश के पूर्व प्रभारी पीएल पुनिया के साथ श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात करेंगे। अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सीएम बघेल का कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के कोई कार्यक्रम है या नही। मुलाकातों के इस दौरे से प्रदेश में सियासी माहौल गरमा गया है। सीएम के इस दिल्ली दौरे को ढाई साल से अधर में लटके हुए निगम और मंडल में नियुक्ति से जोड़ कर देखा जा रहा है। प्रदेश से इसकी सूची राष्ट्रीय आलाकमान को पहले ही प्रदेश कार्यसमिति भेज चुकी है। लेकिन आलाकमान की हरी झंडी ना मिलने की वजह से इसकी घोषणा नहीं कि जा सकी है। उम्मीद की जा रही है जल्द ही निगम और मंडल में पद पाने के लिए इंतजार कर रहे लोगो की उम्मीद पूरी हो सकती है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार में दिग्गजों के बीच मचे घमासान पर भी चर्चा हो सकती है। खास कर सीएम भूपेश बघेल और सरगुजा के महाराजा टीएस सिंहदेव के बीच उभर रहे मतभेद के सुर को लेकर कांग्रेस के आला राष्ट्रीय नेता चिंतित नजर आ रहे है। हाल ही में पंजाब,राजस्थान,मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में झटका खा चुकी कांग्रेस,छत्तीसगढ़ में इन सारे पटकथाओं को दुहराना नहीं चाहते है। देखना होगा कि आलाकमान के नेता छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की राजनीति के दो धुरियों के बीच बढ़ती दूरी को कम करने में किस हद तक कामयाब हो पाते हैं। हालांकि पूर्ण बहुमत की सरकार होने और प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के कमजोर होने की वजह से फिलहाल छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार को फिलहाल खतरा नजर नहीं आ रहा है।
इन मुद्दों पर उभरे थे मतभेद-
सीएम भूपेश और स्वास्थ्य व पंचायत मंत्री टीएस सिंह सिंह देव के बीच निजी अस्पतालों को अनुदान दिए जाने और लेमरू प्रोजेक्ट को लेकर मतभेद ने मीडिया में जमकर सुर्खिया बटोरी थी। जानकारी के लिए बता दें विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस के चुनावी मुहिम की पूरी बागडोर टीएस सिंहदेव के हाथ मे थी। 15 साल के बाद सत्ता में कांग्रेस की हुई वापसी में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले कांग्रेस की घोषणा पत्र भी टीएस सिंहदेव की अध्यक्षता में ही तैयार की गई थी। लेकिन जीत हासिल होने के बाद दिल्ली दरबार मे मुख्यमंत्री की दौड़ में भूपेश बघेल ने बाजी मारी ली थी। इस समय ढाई ढाई साल के फार्मूले की भी खूब चर्चा हुई थी।

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