रायपुर,द प्राइम न्यूज नेटवर्क। छत्तीसगढ़ में हाथी के साथ अब तेंदुए का कहर भी बरपने लगा है। धमतरी जिले के सिहावा के आसपास के जंगल मे तेंदुए की मौजूदगी को देखते हुए वन विभाग ने सिहावा से ओडिशा की ओर जाने वाली सड़क को बंद करते हुए है,सिहावा पहाड़ी के ऊपर स्थित मंदिर में फिलहाल दर्शन के लिए ना जाने की अपील की है। बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वन विभाग,तेंदुआ प्रभावित गांव के बच्चों के स्कूल पहुचने की व्यवस्था भी कर रहा है। तेंदुआ से सुरक्षा और बचाव के लिए प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी के लिए वन मंडल स्तर पर प्रत्येक वन परिक्षेत्र के विभागीय अमले की ड्यूटी लगाई गई है। इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि वन विभाग के द्वारा आमजन में जन-जागरूकता लाने के लिए बचाव संबंधी जानकारी का भी प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है।
विभाग ने जारी की एडवाइजरी-
तेन्दुआ प्रभावित क्षेत्रों में तेन्दुआ ग्रामों के स्कूलों के बच्चों तथा ग्रामीणों के बच्चों को जंगल में जाने से मना किया गया है। ग्रामीणों को सुबह 7 बजे से पहले और शाम 5 बजे के बाद लकड़ी बिनने के लिए जंगल में जाने हेतु मना किया गया है। तेंदुआ के दिखने की स्थिति में तत्काल निकटतम वन अधिकारी, कर्मचारी को सूचित करने के साथ ही तेंदुआ की उपस्थिति की जानकारी इंटरनेट मीडिया में साझा करें,ताकि आम लोग सतर्क हो सके। गांव के आस-पास तेंदुए की उपस्थिति का पता लगते ही बच्चे, महिलाओं एवं वृद्धों को घर के भीतर रखें। घर के आसपास की झाड़ी और गड्ढे को साफ रखें और बाहर की बत्ती रात को जलने दें।
सामना होने पर इस तरह करें बचाव-
अचानक तेंदुआ से सामना होने की स्थिति में अपने दोनों हाथ ऊपर करके जोर-जोर से चिल्लायें, जंगल के समीप अथवा गांव के बाहर तेंदुआ दिखे, तो जल्द से जल्द उससे दूर जाने का प्रयास करें। तेंदुआ शर्मिला जानवर होता है, उसके कहीं छुपे होने की जानकारी होने पर शांत तथा सुरक्षित दूरी पर रहें, उसके वापस जंगल में जाने का इंतजार करें।