जशपुर नगर द प्राइम न्यूज नेटवर्क। सावधान जरा बच के,जरा सम्हल कर चलिये। ये जिला मुख्यालय जशपुर है जनाब। इस शहर की गलियां अभी अंधेरे में डूबी हुई हैं। श श श शांत रहिये,शोर मत कीजिए,नगर सरकार गहरी नींद में सो रही है। अच्छे दिन के सपने में खोए नगर सरकार के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और अधिकारियों को ना तो अंधेरे में डूबी स्याह शहर दिखाई दे रहा है और ना ही सड़को के बीच मे डेरा जमाए मवेशी।
अब,इससे कोई दुर्घटना का शिकार हो जाए तो हमें क्या? हमारे पास तो अपने आकाओं को दिखाने के लिए कागज का पुलंदा तैयार है। नम्बर तो कागज पर ही मिलता है। ठीक है,डिजिटल इंडिया में थोड़ा एप का सर्वे होता है,हो जाएगा। किसी तरह,स्वच्छता में नम्बर एक का तमगा फिर मिल जाए तो जनता भी खुश और जनार्दन बहुत ज्यादा खुश। अब ये छोटी मोटी समस्याएं तो चलती रहती है। फिर इस शहर में बोलेगा कौन? विपक्ष,वो तो जनाब,यहां है ही नहीं! कांग्रेस प्रदेश में शासन कर रही है,भाजपा,केंद्र में नगर सरकार की सत्ता के सिंहासन पर बैठी हुई है। फिर बोलेगा कौन।
क्या कहा…..जनता! जनता के पास इतना समय कहाँ है? उसे रोज पेट भरने की चिंता जो करनी है। और मीडिया, अजी छोड़िए,इनका तो काम ही है,बस बोलते रहना। इसलिए,अगर आप जशपुर की सड़कों पर निकलना चाहते है तो स्वयं की जिम्मेदारी पर निकलिए। यहां सड़को पर मवेशी पाए जाते है,रात के वक्त स्मार्ट स्ट्रीट लाइट अंधेरा फैलाता है और हां,आवारा कुत्तों से तो खास सतर्क रहिएगा,ये काट दें तो सरकारी अस्पताल में दवा उपलब्ध रहने की जिम्मेदारी भी नगर सरकार की नहीं है।
अरे! क्या बात करतें है,ये तो आपकी ज्यादती है,अब इलाज कि व्यवस्था करना तो स्वास्थ्य विभाग का काम और सम्हल कर चलते हुए,जिम्मेदार नागरिक बनना आपका। भई,अब कोई सोते हुए तो ये सब काम नहीं कर सकता ना,सिर्फ सपना देख सकता है। सो हम देख रहे हैं,स्वच्छता सर्वे अभियान 2021-22 में शहर फिर नम्बर एक पर खड़ा हुआ है। इसलिए मुस्कुराइये,आप जशपुर शहर में है,जनाब…..