जशपुरनगर द प्राइम न्यूज नेटवर्क। जनजातिय सुरक्षा मंच मतातंरण के खिलाफ देशभर में एक बड़ा अभियान शुरू करने जा रही है। बुधवार को वनवासी कल्याण आश्रम के चिकित्सालय नामकरण समारोह में शामिल होने के लिए जशपुर आए राष्ट्रीय स्वयं सेवक के सह सर कार्यवाह रामदत्त चक्रधर एवं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष करिया मुंडा,खिलाफ भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र खडारी, राष्ट्रीय महामंत्री योगेश बापट ,राष्ट्रीय संगठन मंत्री अतुल जोग, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एचके नागु, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह एवं वरिष्ठ प्रचारक एवं कल्याण आश्रम के पूर्व राष्ट्रीय संगठन मंत्री सौम्याजुलू और गणेश राम भगत की उपस्थिति में शहर के बांकी टोली मुहल्ले में स्थित जनजातिय सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय कार्यालय में बंद कमरे में हुई बैठक में इस अभियान की व्यापक रणनीति बनाई गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बैठक में विभिन्न मुद्दों को लेकर विगत कुछ समय के दौरान जनजातिय समाज के बीच दुष्प्रचार कर,पुरखों से चली आ रही परम्परा और रीतियों को प्रभावित करने के प्रयास पर चिंता जाहिर की गई। खासकर जनगणना के दौरान आदिवासियों के लिए अलग कालम की मांग के मुद्दे पर चर्चा की गई। इन सारी चर्चा के बाद बैठक में राष्ट्रीय स्तर पर शुरू होने वाले इस अभियान की बागडोर मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत को सौंपा गया है। जानकारी के लिए बता दें कि जनगणना की प्रक्रिया में अलग कालम की उठाई जा रही मांग के विरोध में गणेश राम भगत और जनजातिय सुरक्षा मंच,शुरू से ही मुखर रहा है। इसे आदिवासी समाज में मतातंरण की बड़ी साजिश जनजातिय सुरक्षा मंच बताती रही है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से ठीक पहले शहर में इस विषय को लेकर जनजातिय सुरक्षा मंच ने एक बड़ी बैठक का आयोजन भी किया था। इस बैठक में छत्तीसगढ़ के साथ झारखंड के आदिवासी समाज के जनप्रतिनिधि शामिल हुए थे।
इस बैठक में अलग कालम वाले मुद्दे के विरोध में छत्तीसगढ़ और झारखंड के जनजातिय समाज द्वारा संयुक्त अभियान चलाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन,कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की वजह से अभियान शुरू नहीं हो पाया। अब,देश व्यापी दौरा के माध्यम से जनजातिय सुरक्षा मंच अपने मतातंरण विरोधी अभियान को आगे बढ़ाने की योजना पर अमल शुरू करने जा रही है।