जशपुरनगर द प्राइम न्यूज नेटवर्क। छत्तीसगढ़ के फरसाबहार तहसील को यूं तो नागलोक के नाम से जाना जाता है। लेकिन इन दिनों यह ब्लाक हाथियों के आतंक की वजह से सुर्खियां बटोर रही है। झारखंड और ओडिसा की सीमा पर स्थित इस ब्लाक में स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक 50 से अधिक हाथी अलग अलग दलों में भटक रहे हैं। वही वन विभाग इनकी संख्या कम बता रहा है। हाथियोबकी संख्या की सही जानकारी प्राप्त करना वन विभाग के लिए भी एक चुनोती बनी हुई है। झारखंड और ओडिसा आने जाने के क्रम की वजह से संख्या की सही जानकारी नहीं मिल पाती है। बहरहाल,नागलोक में इन दिनों दहशत के साथ अतिकायो के जीवन के कुछ अद्भुत दृश्य देखने को मिल रहा है। छोटे हाथी को स्वयं के नजदीक रखने की कोशिश करती मां। खतरे का जरा सा अहसास होते ही मां के साथ पूरे दल के सदस्यों द्वारा छोटे हाथी को सुरक्षा घेरे में लेने मनमोहक दृश्य के साथ तलाब के पानी मे जल क्रीड़ा का आनंद लेते हुए हाथियो का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया में खूब वायरल हो है।
इस वीडियो को फरसाबहार क्षेत्र के कुछ युवकों ने बनाया है। अठखेलियों और ममतामयी इन दृश्यों के बीच जिले में हाथी समस्या लगातार गम्भीर होती जा रही है। वर्ष 2021 के 6 माह में अतिकायो के पैरों तले कुचल कर 12 लोगो की जान जा चुकी है। लगातार बढ़ते हुए जन और सम्पत्ति हानि के बढ़ते हुए आंकड़े की वजह से मानव और हाथियों के बीच द्वंद बढ़ता जा रहा है। यहां तक कि फसल नुकसान के अंदेशे की वजह से ग्रामीण,हाथियों को गांव के नजदीक के जंगल मे भी नही रहने देना चाहते हैं। वहीं लगातार खदेड़े जाने से हाथियों के और अधिक आक्रामक होने का खतरा मंडरा रहा है। फिलहाल,हाथी मानव द्वंद को कम करने की वन विभाग की कोशिश रंग लाती नहीं दिख रही है। हाथियों से बचाव के लिए घरों के इर्दगिर्द बीछते करंट प्रवाहित तार,इसके गवाह हैं। हालांकि यह आत्मघाती कदम,हाथियों के साथ मानव के लिए भी घातक साबित हो रहा है।