रायपुर: आरक्षण मामले में पिछले दाे माह से चल रहे बवाल के बीच राज्यपाल को हाईकोर्ट से मिले नोटिस काे लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, सरकार की सलाह से ही ताे राज्यपाल काम करती हैं, अब जबकि उनको हाईकोर्ट से नाेटिस मिला है ताे इसके लिए उनकाे वकील रखने की जरूरत पड़ेगी ताे उसके लिए भी उनकाे राज्य सरकार से ही पूछना पड़ेगा।
भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के लिए रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, राज्यपाल खुद अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर रही हैं। जो बिल विधानसभा से पारित हुआ है उसके बारे में सरकार से पूछने का उन्हें कोई अधिकार ही नहीं है। उसी के आधार पर तो हम कोर्ट गए हैं। कोर्ट ने यदि उसको नोटिस दिया है तो उसका जवाब कोर्ट को देना चाहिए, बाहर नहीं। अगर उनको वकील भी लगाना है तो राज्य सरकार से पूछकर ही लगाएंगी ना। क्योंकि सरकार की सलाह से ही राज्यपाल काम करती हैं।
उल्लेखनीय है एक दिन पहले उच्च न्यायालय की जस्टिस रजनी दुबे ने सरकार की एक याचिका पर राजभवन को नोटिस जारी किया। इस मामले में एक सामाजिक कार्यकर्ता, एक वकील और राज्य सरकार ने अलग-अलग याचिका दायर की है। राज्य सरकार की ओर से सीनियर एडवोकेट और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने जिरह किया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को सीधे तौर पर विधेयक को रोकने का कोई अधिकार नहीं है। नोटिस के बाद जवाब देने के लिए राजभवन को एक सप्ताह का समय दिया गया है।