जशपुरनगर,द प्राइम न्यूज नेटवर्क। रोहित यादव की रिपोर्ट। छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमा पर इन दिनों हाथियों का कहर जमकर टूट रहा है। ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के किजिंरकेला वन परिक्षेत्र में हाथियों का दो दलशांति और गौतमी ने लंबे अर्से से डेरा जमाएं हुए हैं। इन दोनों दलों में 25 शामिल हैं। बीते 24 घंटे के दौरान अतिकायों ने एक युवक की कुचल कर जान ले ली है। कीजिंरकेला के फारेस्टर, सानिका टोप्पो ने बताया कि मृतक संतान नायक मूल रूप से कांकेरजोरा गांव का निवासी था। वह मंगलवार को नीजि काम से रायडीही जा रहा था। इसी दौरान धान के खेत से गुजरने के दौरान उसका सामना हाथियों के दल से हो गया। इससे पहले की वह सम्हल पाता,एक दंतेैल ने उस पर हमला कर दिया। कुचले जाने से संतन नायक की मौके पर ही मौत हो गई। ओडिशा प्रशासन ने मृतक के स्वजनों को 40 हजार की तात्कालिक सहायता उपलब्ध कराई है। शेष 3 लाख 60 हजार रूपए,कागजी कार्रवाई के बाद दी जाएगी। फारेस्टर सानिका टोप्पो ने बताया कि एक माह के दौरान ओडिशा के किंजिंरकेला वन परिक्षेत्र में हाथियों ने फसल और घर को काफी नुकसान पहुंचाया है। तकरीबन सौ एकड़ फसल को रौंदने के साथ 6 घरों को भी ध्वस्त किया है। किंजिरकेला वन परिक्षेत्र झारखंड से आए हाथियों का दल शांति का स्थायी डेरा बन चुका है। वहीं छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले से लौटे गौतमी हाथी दल ने भी इसी इलाके के आसपास डेरा जमा रखा है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन दिनों शांति और गौतमी दल साथ साथ विचरण कर रहें हैं। इससे फसल हानि का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। वहीं फरसाबहार के रेंजर अभिनव केसरवानी का कहना है कि हाथियों की हलचल पर निगरानी रखने के लिए रेडियो कालर आईडी पहनाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। गौतमी दल के छत्तीसगढ़ लौटते ही,कालर आईडी पहनाया जाएगा।