रायपुर: भाजपा के बस्तर संभाग प्रभारी एवं लोकसभा सांसद संतोष पांडे ने कहा कांग्रेस की राज्यसभा सांसद जिन्हें छत्तीसगढ़ के होनहार व्यक्ति का हक मारकर कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ से राज्यसभा का सांसद बनाया है उन्होंने छत्तीसगढ़ की पावन धरा पर उतरते ही छत्तीसगढ़ वासियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का काम किया है इस विषय पर भाजपा के कांग्रेस से कुछ सवाल है।
रंजीत रंजन के बयान से कांग्रेस सहमत नहीं तो भूपेश बघेल का अब तक इस पर बयान क्यों नहीं आया?
कांग्रेस पार्टी ने अभी तक रंजीत रंजन पर कार्यवाही क्यों नहीं की?
क्या नक्सलवादियों ने जो कांग्रेस पार्टी के नेताओं की नृशंस हत्या की, पुलिस बलों को मारा, ग्रामीणों को मारा, रंजीत रंजन का नक्सलियों को लेकर बयान उनके परिवारों को पीड़ा पहुंचाने वाला नहीं है? क्या यह जवानों की शहादत का अपमान नहीं है?
क्या कांग्रेस नक्सल हिंसा में मारे गए अपने शहीद नेताओं को भूलकर नक्सलियों को चरित्र प्रमाण पत्र बांट रही है?
कांग्रेस बताये कि कांग्रेस ने नक्सली समर्थक होने की वजह से क्या झीरम घाटी का सच अब तक सामने नहीं आने दिया?
क्या इसीलिए ही राहुल गांधी ने कांग्रेस के नेताओं की हत्या पर नक्सलियों को क्लीन चिट दी थी?
क्या इसीलिए ही भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बनने के बाद भी 4 साल में वह सबूत पेश नहीं कर रहे हैं जो वे 9 साल से जेब में रखे होने का ढिंढोरा पीटते घूम रहे हैं?
क्या इसीलिए ही कांग्रेस के नेता नक्सलियों का इलाज कराने तेलंगाना जाते हैं?
पत्रकार वार्ता में सांसद संतोष पांडे ने कहा कि जाकिर नायक जो आंतकवादियों को ट्रेनिंग देता है उसकी संस्था से राजीव गांधी फाउंडेशन 50 लाख रुपए चंदा लेती है। ये रिश्ता क्या कहलाता है।
बाटला हाउस कांड में शहीद मनमोहन चंद की हत्या कर दी गई। शहीद मनमोहन चंद के हत्या के विषय में कांग्रेस द्वारा कुछ भी नहीं बोला गया जबकि आंतकवादियों के विषय में कांग्रेस के नेता सलमान खुर्शीद द्वारा कहा गया कि सोनिया गांधी रात भर रोई। इससे कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि सोनिया गांधी की संवेदना किसके लिए थी। जेकेएलएफ के अध्यक्ष यासीन मलिक देश के तत्कालिक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बैठते है तथा प्रधानमंत्री के साथ चाय पीते है यासीन मलिक कश्मीरी पंडितों का हत्यारा है। जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार में हत्या के आरोप में सजा सुनाई गई है।
झीरम घाटी कांड के बाद जब घायल कवासी लखमा से मिलने के लिए चरणदास महंत जाते है तो चरणदास महंत के गाल पर थपकी मारते हुए कवासी लखमा से कहते है कि क्यों रे क्यों लेके गए थे।
