जशपुर नगर द प्राइम न्यूज़ नेटवर्क : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के उस बयान को कांग्रेस की निर्लज्जता बताया है जिसमें मुख्यमंत्री बघेल ने सिलगेर में पुलिस की गोली से मृत आदिवासी किसानों द्वारा मुआवजा व नौकरी नहीं मांगे जाने की बात कहकर उत्तरप्रदेश में प्रदेश का ख़ज़ाना लुटाने को सही ठहराने की कोशिश की है। साय ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल इस बात को कभी न भूलें कि प्रदेश की जनता ने छत्तीसगढ़ के किसानों के हक़ और प्रदेश के ख़ज़ाने का पैसा इस तरह तुच्छ राजनीतिक स्वार्थों के लिए लुटाने कांग्रेस को सत्ता नहीं सौंपी है।
भाजपा इस मुद्दे को तब तक जीवित रखने के लिए संकल्पित है, जब तक मुख्यमंत्री प्रदेश में आत्महत्या कर चुके 550 और सिलगेर में पुलिस की गोलियों से भूने गए 04 आदिवासी किसानों समेत ऐसे हर मामले के लिए तत्काल 50-50 लाख रुपए के मुआवजे और मृत किसानों के परिवार के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का एलान नहीं कर देते। श्री साय ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल अब इधर-उधर की बातें करके प्रदेश के किसानों को भरमाने से बाज आएँ।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल ने यह कहकर प्रदेश और यहाँ के किसानों का खुला अपमान किया है कि सिलगेर के किसानों और पौने तीन साल के कांग्रेस शासनकाल में 550 किसानों की आत्महत्या की उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी मामले से तुलना नहीं हो सकती। साय ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल यह कैसे कह रहे हैं कि सिलगेर के मृत किसानों के परिजनों ने मुआवजा और नौकरी नहीं मांगी, इसलिए उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया। अगर मुआवजा और नौकरी देने का यही मापदंड मुख्यमंत्री बघेल ने तय कर रखा है तो फिर क्या उत्तरप्रदेश के मृत किसानों के परिजनों ने मुख्यमंत्री बघेल से मुआवजा मांगा था?
श्री साय ने मुख्यमंत्री बघेल के कथन को बघेल के खुद के कृत्यों से भी अधिक निंदनीय कहा है। प्रदेश के किसानों को उनकी उपज का पूरा मूल्य तक किश्तों में बाँटने वाले मुख्यमंत्री बघेल भाजपा को सर्टीफिकेट देने के बजाय अपने और अपनी सरकार के कर्मों पर ध्यान दें। श्री साय ने कहा कि भाजपा नेताओं के बस्तर के सिलगेर नहीं जाने की बात कहकर मुख्यमंत्री बघेल सरासर झूठ बोलकर प्रदेश को भरमा रहे हैं।
सिलगेर मामले में भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेताओं व जनप्रतिनिधियों की अगुआई में तत्काल जाँच दल बनाकर सिलगेर भेजा था लेकिन भूपेश सरकार ने उस जाँच दल को क़ानून-व्यवस्था का हवाला देकर सिलगेर तक जाने ही नहीं दिया था, जबकि उसके तुरंत बाद कांग्रेस के दल को वहाँ जाने दिया था। अब मुख्यमंत्री बघेल बताएँ कि भाजपा के जाँच दल को रोककर वे कौन-सा सच छिपाने का धत्कर्म कर रहे थे?
साय ने कहा कि प्रदेश सरकार के मुखिया बताएँ कि प्रदेश सरकार के कितने मंत्रियों, कांग्रेस नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने आत्महत्या करने वाले किसानों के घर जाकर उनका हाल जाना? उल्टे प्रदेश सरकार ने तो आत्महत्या करने वाले विवश किसानों को पागल और नशेड़ी साबित करने की कोशिश की। साय ने कहा कि उत्तरप्रदेश के किसानों को मुआवजा के नाम पर प्रदेश का ख़ज़ाना लुटाते ज़रा भी शर्म महसूस नहीं कर रहे और दूसरे प्रदेश में जाकर वोटों की फसल काटने और ख़ानदान की चाटुकारिता करके संवैधानिक और संघीय व्यवस्था का मखौल उड़ा रहे मुख्यमंत्री बघेल को तो अब एक पल भी सरकार में रहने का कोई हक़ नहीं रह गया है।
साय ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल प्रदेश के किसानों के साथ न्याय करें और जब तक प्रदेश के हर पीड़ित किसानों के साथ न्याय नहीं होगा, भाजपा मुख्यमंत्री बघेल और कांग्रेस को चैन नहीं लेने देगी।