BREAKING JASHPUR : सिमकार्ड ब्लाक होने का भय दिखा,शातिर ने जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी के खाते से उड़ा लिए 1 लाख 15 हजार,दो एप डाउनलोड कर,इस तरह दिया घटना को अंजाम,

जशपुरनगर,द प्राइम न्यूज नेटवर्क। शातिर ठग ने जिला पंचायत के उपायुक्त को बीएसएनएल सीम का केवाईसी का झांसा देकर,खाते से 1 लाख 15 हजार रूपए उड़ा लिए। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए,कोतवाली पुलिस ने अज्ञात आरोपित के खिलाफ अपराध दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। कोतवाली प्रभारी लक्ष्मण सिंह धुर्वें ने बताया कि जिला पंचायत में उपायुक्त विकास परियोजना के पद पर कार्यरत,पीड़ित प्रमोद कुमार हारीत ने बताया कि 21 अक्टूबर को उनके मोबाइल फोन पर एक एसएमएस आया। इस मैसेज में केवाईसी की प्रकिया ना किए जाने पर बीएसएनएल की मोबाइल सेवा सस्पेंड हो जाने की जानकारी देते हुए,एक मोबाइल नंबर पर संपर्क करने को कहा गया था। इस मैसेज को कंपनी का अधिकृत मैसेज मानकर जब उन्होनें संबंधित मोबाइल पर संपर्क किया तो,ट्रू कालर एप पर मोबइल नम्बर बीएसएनएल कार्यालय मध्यप्रदेश शो हुआ। काल रिसिव करने वाले अज्ञात व्यक्ति ने स्वयं को बीएसएनएल कंपनी का कर्मचारी बताते हुए,पीड़ित को अपना एम्पलाई कोड भी बताया। इस पर उन्होनें विश्वास करते हुए,केवाईसी की आनलाइन प्रक्रिया पूरी करने पर सहमत हो गए। शातिर ने आन लाइन प्रक्रिया पूरी कराने के नाम पर पीड़ित से मोबाइल में एनीडेस्क और आटोमैटिक फारवर्ड मैसेज नामक दो एप डाउनलोड करवा कर,ठग ने पीड़ित से बीएसएनएल के खाते में 10 रूपए प्रोसेसिंग फिस भुगतान करने के लिए कहा। पीड़ित के मुताबिक उन्होनें इसके लिए प्रयास भी किया,लेकिन आन लाइन भुगतान सफल नहीं हो पाया। इस बीच,उनके मोबाइल में 1 लाख 5 हजार और दूसरे मैसेज में 10 हजार 160 रूपए कटने का मैसेज आने पर,ठगी का अहसास हुआ। शिकायत की जांच के बाद कोतवाली पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 420 के तहत अपराध दर्ज कर,मामले की जांच शुरू कर दी है।
इस तरह बचें आनलाइन ठगी से —


डिजिटल भुगतान के बढ़ते प्रयोग के बीच,इन दिनों आनलाइन ठगी की घटनाएं भी बढ़ती जा रही है। इससे निबटने के लिए ग्राहकों का जागरूक होना आवश्यक है। एसपी विजय अग्रवाल ने सावधानी की अपील करते हुए कहा कि ने बैंक और मोबाइल सेवा का उपयोग करने वाले सभी उपभोक्ताओं को हमेशा इस बात को याद रखना चाहिए कि बैंक और मोबाइल कंपनी कभी आनलाइन केवाईसी नहीं मांगती। अगर किसी कालर द्वारा मोबाइल में कोई एप डाउनलोड करने के लिए कहा जाता है या फिर ओटीपी मांगी जाती है तो तत्काल समझ जाना चाहिए ​कि कालर का इरादा सहीं नहीं है। इसी तरह एटीएम से रूपए निकालने के दौरान ना तो गोपनिय पिन नम्बर किसी को दें और ना ही अंजान व्यक्ति से रूपए निकालने में किसी तरह की मदद लें। ठगी होने पर तत्काल इसकी सूचना बैंक हेल्पलाइन नम्बर और नजदीकी पुलिस स्टेशन में दें।

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