जशपुर बीजेपी समर्थित डीडीसी गेंद बिहारी सिंह मामले में उप पुलिस महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, जिला- जशपुर डी. रविशंकर ने बड़ी कारवाही की है उन्होंने तत्काल प्रभाव से शेर बहादुर सिंह ठाकुर, उप पुलिस अधीक्षक (नक्सल ऑपरेशन) जशपुर एवं प्रभारी एसडीओपी बगीचा को तत्काल प्रभाव से पुलिस अधीक्षक कार्यालय जशपुर अटैच कर दिया है
वहीं मामले में आरक्षक क्रमांक 26 राजकुमार मनहर, रक्षित केन्द्र जशपुर एवं छसबल आरक्षक क्रमांक 759 संतोष उपाध्याय, 12वीं वाहिनी छसबल “सी कम्पनी” रामानुजगंज, कैम्प आस्ता, जिला जशपुर (छ0ग0) को कर्तव्य में लापरवाही एवं स्वेच्छाचारिता बरतने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर मुख्यालय रक्षित केन्द्र जशपुर नियत किया है, निलंबन अवधि में इन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।
क्या था मामला
बगीचा जिला पंचायत सदस्य गेंद बिहारी सिंह और एसडीओपी शेर बहादुर सिंह के मध्य उपजे विवाद ने गहरा रूप ले लिया है।घटना के विरोध में भाजपा खुलकर सामने आई है और गेंदबिहारी के समर्थन में नारे लगाते हुवे पुलिस के विरुद्ध धरना और आंदोलन में बैठ गई है।घटना के दौरान शामिल सभी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही का मांग भाजपा कार्यकर्ताओं के द्वारा किया जा रहा है।
मंगलवार की सुबह जिला पंचायत सदस्य गेंद बिहारी सिंह और एसडीओपी शेर बहादुर सिंह के बीच एक जमीन मसले को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित हुई।धीरे धीरे विवाद इतना गहरा गया की दोनो में झुमाझटकी की बातें भी सामने आई।जिसके बाद पुलिस ने गेंद बिहारी सिंह को हिरासत में लेकर थाना ले आई।इस घटना के विरोध में आक्रोशित भाजपा कार्यकर्ताओं ने थाना का घेराव कर चक्का जाम कर दिया है।
गेंदबिहारी सिंह सनातन संत समाज प्रमुख बभ्रुवाहन सिंह के भाई व जिला पंचायत सदस्य हैं और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।ग्रामीणों के साथ सनातन संत समाज व बीजेपी के लोगों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कार्यवाही की मांग शुरु कर दी है।बगीचा थाना क्षेत्र के दुर्गापारा में हुए उक्त घटना में बर्बरतापूर्ण पुलिसिया कार्यवाही को लेकर ग्रामीणों ने दुर्गापारा में चक्काजाम कर बतौली बगीचा स्टेट हाइवे को बाधित कर दिया है।वहीं बीजेपी कार्यकर्ता बगीचा थाने पंहुचकर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।
इधर इस मामले पर एसडीओपी शेर बहादुर सिंह से बात करने पर उन्होंने बताया कि जमीन संबंधी मामले की जांच करने वे दुर्गापारा गए हुए थे।मामला सुलझाने के बाद वे बैठे हुए थे इतने में भीड़ भाड़ देखकर डीडीसी गेंदबिहारी सिंह रुक गए जहां एसडीओपी से उनकी बहस हो गई और मामला देखते ही देखते गंभीर हो गया।जिसके बाद एसडीओपी के तीनों गार्ड ने मिलकर उन्हें अपने वाहन में बैठाया और हिरासत में लेकर बगीचा थाना ले आए।