जशपुरनगर। अपने निर्विवाद, साफ और सरल छवि के चलते प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय न केवल छग बल्कि अन्य राज्यों में भी लोकप्रिय हैं। उनकी इसी लोकप्रियता के चलते भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने इस लोकसभा के चुनाव प्रचार में अपना प्रमुख चेहरा बनाया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का चेहरा और जलवा छत्तीसगढ़ के साथ ही मध्यप्रदेश, ओडिशा और झारखंड में छाया हुआ है। यही वजह है कि लोकसभा चुनाव के दौरान सीएम श्री साय ने कुल 53 दिन में 64 जनसभा समेत कुल 117 सभाएं ली हैं। इस दौरान उनके तेवर पूरी तरह आक्रामक रहे और वे कांग्रेस और इंडिया गठबंधन पर जितने हमलावर रहे उतना ही उन्होंने मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और मोदी की गारंटी की लोगों के बीच चर्चा भी की। दरअसल 20 मार्च से 11 मई तक सीएम साय लगातार चुनावी सभाएं करते रहे। इस दौरान उन्होंने तेज गर्मी और लू की परवाह भी नहीं किया और वे लगातार जनता के बीच जाते रहे। उन्होंने प्रदेश की सभी 11 लोकसभा सीटों पर धुआंधार चुनावी प्रचार कर न सिर्फ आमसभा को संबोधित किया बल्कि कई चुनावी रैलियां भी कीं। वे जहां भी गए जनता का भरपूर स्नेह, प्यार और आशीर्वाद उन्हे मिला। इसके अलावा केन्द्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री साय की साफ स्वच्छ छवि का उपयोग छत्तीसगढ़ के बाहर मध्यप्रदेश, ओडिशा और झारखंड में किया। जहां उन्होंने एक के बाद एक 17 आमसभाएं और रोड शो की कमान संभाली।
छग में कितनी सभाएं
कार्यकर्ता सम्मेलन – 12
जनसभा व रोड शो – 54
सामाजिक सम्मेलन – 22
छग के बाहर
(मध्यप्रदेश, ओडिशा और झारखंड) जनसभा एवं रोड शो – 17
सामाजिक सम्मेलन – 24
कार्यकर्ता सम्मेलन – 11
400 पार के लिए झोंकी पूरी ताकत
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने लोकसभा चुनाव में भाजपा की सीटें 400 से पार करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। यही वजह है कि आत्मविश्वास से भरपूर मुख्यमंत्री साय छग की सभी ग्यारह लोकसभा में जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं। साथ ही श्री साय ने ओडिशा और झारखंड में भी भाजपा के पक्ष में भारी रुझान की बात कह रहे हैं। जानकारी के मुताबिक सीएम साय ने बस्तर में 2 सहित सभी ग्यारह लोकसभा सीटों पर एक-एक कार्यकर्ता सम्मेलन कर कुल बारह कार्यकर्ता सम्मेलनों में अपनी उपस्थिति दी। इसी तरह यदि सामाजिक सम्मेलनों की यदि बात करें तो लगभग 24 बड़े सामाजिक सम्मेलनों को मुख्यमंत्री साय संबोधित कर चुके है। यानी मुख्यमंत्री ने लगभग हर विधानसभा में कम से कम एक जनसभा ली है।