अगले आम चुनाव में महंगाई को भाजपा के खिलाफ हथियार बनाएगी कांग्रेस, राहुल गांधी ही होंगे अध्यक्ष

 

रायपुर महेंद्र नामदेव द प्राइम न्यूज़ 24 नेटवर्क : –

संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने 14 जुलाई को संसदीय सचिव के रूप में उनके कार्यकाल का एक वर्ष पूर्ण होने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त किया है जो उन्हें योग्य समझ सरकार के सहभागी होने में सम्मिलित किया।उन्होंने कहा, वे इस एक वर्ष में प्रदेश के कई क्षेत्रों का दौरा किया और सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को कांग्रेस कार्यकर्ताओं के माध्यम से लोगों तक पहुँचाने प्रयास किया। आगे का दौरा वे विधानसभा चुनाव 2023 को दृष्टिगत रखते हुए करने जा रहे हैं और महंगाई इसमें मुख्य मुद्दा होगा। विकास उपाध्याय ने कहा, भूपेश बघेल देश के सफलतम मुख्यमंत्रियों में से एक हैं, जिनके कामकाज की चर्चा छत्तीसगढ़ के अन्तिम व्यक्ति तक हो रही है और आगे चलकर हमारी सरकार की कोशिश होगी कि बचे ढाई साल युवाओं को लेकर केन्द्रित रहें।

उन्होंने कहा कि उनके पास नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार न होने के बावजूद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने व्यवहारिक तौर पर जो अधिकार दिए उससे वे सरकार की योजनाओं को आमजन तक पहुँचाने काफी हद तक सफल रहे। उन्होंने कहा कि बीते एक साल में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करने से एक बात जो समझ में आई है, प्रदेश की जनता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कार्यप्रणाली से पूरी तरह संतुष्ट हैं। कांग्रेस की सरकार में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी आई है। अब हमारा ध्यान विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर केन्द्रित होगा। उन्होंने बताया कि भूपेश सरकार के बचे ढाई साल अब विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर कांग्रेस का लक्ष्य होगा। इसके लिए उन्होंने एक रोड मैप तैयार कर रखा है।

 

विकास उपाध्याय ने कहा, आज देश में बढ़ती महंगाई एक घरेलु समस्या बन गई है। रिजर्व बैंक में महंगाई के लिए जो लक्ष्य रखा हुआ है उस दायरे से यह अब भी ऊपर है। महंगाई का आँकड़ा इस महिने में भी बढ़ा है और यह 5.01 प्रतिशत से बढ़कर 5.15 प्रतिशत हो गया है। जिस मुद्दे को लेकर भाजपा सत्ता में आई आज कांग्रेस के लिए वही सबसे बड़ा मुद्दा है और महंगाई के मुद्दे को एक-एक वोटर तक ले जाना हमारा लक्ष्य है जो आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्य मुद्दा होगा। भाजपा के शीर्ष नेता पूरे देश में झूठ को सच प्रचारित करने सफल साबित हो रहे हैं। रोजगार के अवसर छीने जा रहे हैं। जिस कालाधन को लेकर प्रधानमंत्री मोदी विदेशों से लाकर भारत के लोगों के खाते में सीधे 15 लाख देने की बात करते थे उन बैंकों में कालाधन बीते 07 सालों में 50 प्रतिशत तक बढ़ गया है। यूपीए शासनकाल के आयल बाॅन्ड के 1.31 लाख करोड़ रूपये में से मोदी सरकार ने मात्र 3,500 करोड़ रूपये ही चुकाये, पर उनके मंत्री यह प्रचारित कर रहे हैं कि बाॅन्ड के पूरे पैसे चुकाने की वजह से तेल के दाम बढ़ाने पड़ रहे हैं। वैक्सीन को लेकर बड़े-बड़े दावे किए गए परन्तु आज केन्द्र सरकार वैक्सीन की पूर्ति करने अपने अधिकार क्षेत्र में लेने के बावजूद छत्तीसगढ़ को वैक्सीन नहीं मिल पा रही है।

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