रायपुर: ED कार्रवाई के विरोध में कांग्रेसियों ने रायपुर के ED दफ्तर का फिर से घेराव किया. प्रदर्शन के दौरान ED कार्यालय के बाहर कांग्रेस नेताओ ने डीजे बजाया। प्रदर्शन का नेतृत्व महापौर एजाज ढेबर, सभापति प्रमोद दुबे और कांग्रेस शहर अध्यक्ष ने किया।
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ता भी पहुंची थीं। प्रदर्शन में ईडी के जमकर नारेबाजी भी हुई. साथ ही कांग्रेस नेताओं को जबरन परेशान करने का आरोप लगाते हुए अडानी के खिलाफ जांच की मांग की गई।
इससे पहले कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी जिसमें महापौर एजाज ढेबर ने भाजपा और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला था. महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि, पिछले लगभग 8 माह से छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार को बदनाम करने मात्र के उद्देश्य से केन्द्र सरकार व राज्य की भाजपा के ईशारे पर ई.डी. कार्रवाई कर रही है। छत्तीसगढ़ राज्य में 2020 से 2022 के बीच 600 करोड़ के कोयला घोटाला होने की काल्पनिक कहानी बनाई गई है। ई.डी. की कहानी में कथित “कोल स्कैम“ का सूत्रधार सूर्यकांत तिवारी को बताया गया है तथा छल-कपट-बलपूर्वक यह सिद्ध करने का षड्यंत्र किया जा रहा है।
ई.डी. की कहानी में सच्चाई होती तो उनके अधिकारियों को थर्ड ग्रेड हथकन्डे नहीं अपनाने पड़ते। ई.डी. अधिकारी अभी तक फर्जी कहानियों को प्रमाणित नहीं कर पाए। इसी हताशा में ई.डी. द्वारा अब कांग्रेस के नेताओं को टार्गेट कर झूठे प्रकरण बनाये जा रहे हैं।
सूर्यकांत तिवारी, जोगेन्दर और अडानी समूह को 100-100 करोड़ का हुआ लाभ: ढेबर
महापौर ने आगे कहा कि, छत्तीसगढ़ की जनता यह जानती है कि सूर्यकांत तिवारी के डॉ. रमन सिंह और भाजपा के प्रमुख नेताओं से घनिष्ट संबंध रहें है। उन्ही के शासन में सूर्यकांत तिवारी ने कोयला व्यापार शुरू किया। सूर्यकांत तिवारी एवं जोगेन्दर द्वारा वर्ष 2010 से अडानी समूह के कोल व्यापार से संबंध होकर उनके लिये कोल व्यापार आरंभ किया। विगत 3-4 वर्षों में अडानी समूह की भागीदारी में लगभग 100 मैट्रिक टन कोयले का परिवहन सूर्यकांत एवं जोगेन्दर द्वारा किया गया।
इससे सूर्यकांत तिवारी, जोगेन्दर एवं अडानी समूह को 100-100 करोड़ का लाभ हुआ, अडानी समूह को उनके लाभ के हिस्से की पूरी राशि सूर्यकांत तथा जोगेन्दर के हवाले से भेजी गई है। सूर्यकांत तिवारी एवं जोगेन्दर द्वारा अपने निकट मित्रों एवं संबंधियों को उक्त जानकारी स्वयं ही दी थी। उन दोनों ने यह भी बताया था कि आयकर अधिकारियों द्वारा जून 2022 में उनके घरों से जब्त मोबाईल में अडानी को करोड़ों की राशि अवैध रूप से हवाला के माध्यम से भेजे जाने के सारे प्रमाण मौजूद हैं। ई.डी. या आयकर अधिकारियों ने अडानी समूह के संचालकों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की।