Good News : गुम मोबाइल पाने की उम्मीद छोड़ चुके धारकों को नव वर्ष पर पुलिस ने दिया तोफा, 14 लाख रुपये से अधिक के 120 मोबाइल को धारको को लौटाया, 4 विशेष टीमों ने किया जिले भर में गुम हुए मोबाइलो को बरामद,साइबर अपराध से बचने के संबंध में भी दी गई जानकारी,

◾ मुंगेली पुलिस ने लौटाये 14.50 लाख के कुल 120 नग गुम मोाबाईल।

◾ गुम मोबाईल खोजबीन हेतु जिले में साईबर सेल के नेतृत्व में किया गया था 4 विशेष टीम का गठन।

◾ गुम हुए मोबाईल को राज्य के दीगर जिला बलौदाबाजार, बेमेतरा, कवर्धा, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, रायपुर से किया गया रिकवर।

◾नववर्ष के उपलक्ष्य में 2 दिसम्बर को पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित किया गया मोबाईल वापसी कार्यक्रम।

 

 

मुंगेली पुलिस द्वारा आम जनता के गुम मोबाईल को सोमवार को पुलिस कंट्रोल रूम में एक कार्यक्रम आयोजित कर पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह के हाथों मोबाइल के मालिकों को दिया गया, दअरसल सायबर सेल द्वारा जिले के विभिन्न थाना चौकी में गुम मोबाईल की शिकायतों पर कार्यवाही करते हुए मोबाइल बरामद करने हेतु पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह के निर्देशन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रतिभा पाण्डेय के मार्गदर्शन में सायबर सेल मुंगेली द्वारा गुम मोबाईल फोन का डाटा टेलीकॉम प्रदाता कंपनी से प्राप्त किया गया और सभी गुम मोबाईल की बरामदी हेतु 4 विशेष टीमें गठित की गई थी।

मुंगेली पुलिस के प्रति आमजन की विश्वसनीयता एवम पुलिस के कार्यों में आमजन के सहयोग के उद्देश्य से जिले में थाना चौकी क्षेत्रांतर्गत गुम मोबाईल की खोजबीन हेतु पुलिस अधीक्षक चन्द्रमोहन सिंह द्वारा साईबर सेल के नेतृत्व में 04 विशेष टीम का गठन कर गुम मोबाईल खोजने हेतु विशेष अभियान चलाया गया। अभियान में विशेष टीम के द्वारा राज्य के दीगर जिलों रायपुर, बिलासपुर, बलौदाबाजार, बेमेतरा, कवर्धा, जांजगीर-चांपा से कुल 120 नग मोबाइल कीमती 14.50 लाख रूपये रिकवर किया गया है। जिसे नये वर्ष के उपलक्ष्य में पुलिस कंट्रोल रूम मुंगेली में 2 दिसम्बर को पुलिस अधीक्षक चन्द्रमोहन सिंह द्वारा मोबाईल मालिकों को वापस किया गया।

मोबाईल रिकवर के इस अभियान में विशेष टीम में गठित सदस्यों उपनिरीक्षक सत्यम सिंह चौहान, सउनि दिवाकर सिंह, प्रधान आरक्षक रवि जांगड़े, प्रधान आरक्षक मनोज सिंह, आरक्षक अब्दुल रियाज, आरक्षक रामकिशोर कश्यप, आरक्षक रवि प्रकाश डाहिरे, आरक्षक तीजराम यादव, आरक्षक परमेश्वर जांगड़े, आरक्षक भेषज पाण्डेकर, आरक्षक हेमसिंह ठाकुर, आरक्षक राजू साहू की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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