फरसाबहार,द प्राइम न्यूज नेटवर्क। रोहित यादव की रिपोर्ट। लंबे अर्से तक सरगुजा इलाके में डेरा जमाएं रहने के बाद 9 सदस्यों वाला गौतमी हाथी दल भी अब जशपुर पहुंच चुका है। बीती रात,सरगुजा के सीतापुर रेंज से निकल कर पत्थलगांव रेंज के तमता और इसके आसपास के इलाके में अतिकायों ने डेरा जमाया हुआ है। सोशल मिडिया में वनविभाग द्वारा जारी किए गए एलर्ट के मुताबिक गौतमी दल चिमटापानी, बालाझर ,असडीयोपारा करियामाटी,पंडरीपानी ,तमता इलाके में विचरण कर रहा है। इस इलाके में इन अतिकायों ने फसल को नुकसान पहुंचाया है,जिसका आंकलन करने में वन विभाग की टीम जुटी हुई है। जानकारी के लिए बता दें कि गौतमी दल,लंबे अर्से के बाद जशपुर लौटा है। इस दौरान अतिकायों का यह दल,सरगुजा और बलरामपुर जिले में डेरा जमाए हुए था। इस दल की एक हथिनी के नाम पर,इसका नामकरण किया गया है। वन विभाग ने इस हथिनी को रेडियो कालर आईडी भी पहनाया था,जो लाकडाउन के पहले दौर से ठीक पहले खुल कर गिर गया था। रेडियो कालर से वनविभाग सेटेलाइट के माध्यम से हाथियों के हलचल पर निगरानी रखता था और इलाके के रहवासियों को एलर्ट जारी कर सचेत किया जाता था। लेकिन,कालर गिर जाने की वजह से फिलहाल,यह योजना,खटाई में पड़ी हुई है। इस बीच,जिले में हाथियों की संख्या 53 से बढ़ कर 60 तक पहुंच गई है। वनविभाग के आंकड़े के मुताबिक सबसे अधिक 31 हाथी,जिले के तपकरा रेंज में डेरा जमाएं हुए हैं। इसके साथ कुनकुरी में 5,कांसाबेल में 3,दुलदुला में 12 और पत्थलगांव रेंज में 9 हाथी मौजूद हैं। बड़ी संख्या में हाथियों की मौजूदगी को देखते हुए वनविभाग की टीम हाथियों के हलचल पर स्थानीय रहवासियों की मदद से नजर रख रहा है और इंटरनेट मिडिया और गांवों में मुनादी कर,लोगों को सचेत करते हुए जंगल में न जाने की सलाह दे रहा है। वनविभाग के साथ कलेक्टर व एसपी भी हाथी प्रभावित इलाके का दौरा कर,ग्रामीणों को हाथियों से सुरक्षित रहने की सलाह देने के लिए चौपाल में शामिल हो रहें हैं।