विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बगीचा में बनाया गया हेल्प डेस्क,विधायक रायमुनि भगत ने किया उद्घाटन,पहाड़ी कोरवा एवं बिरहोर 8770339586 पर फोन कर सीधे के सकते हैं स्वास्थ्य सहायता

 

जशपुर,

छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुख्यमंत्री बनते ही विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के लिए शासनस्तर पर विशेष प्रयास शुरु कर दिए गए हैं।जशपुर जिले के बगीचा विकासखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बगीचा में विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए सहायता केंद्र की स्थापना की गई है जिसका सीधा लाभ यहां के कोरवा,बिरहोर व अन्य जनजातीय समुदाय को मिलेगा।शनिवार को जशपुर विधायक रायमुनि भगत ने बगीचा सीएचसी में सहायता केंद्र कार्यालय का उद्घाटन किया।इस अवसर पर जिला महामंत्री मुकेश शर्मा,जिला उपाध्यक्ष शंकर गुप्ता,मंडल अध्यक्ष रामसलोने मिश्रा समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता व आमजन उपस्थित रहे।

उल्लेखनीय है कि उक्त सहायता केन्द्र में संपर्क के लिए स्थायी नंबर जारी किया गया है।8770339586 पर फोन कर विशेष पिछड़ी जनजातीय समुदाय के लोग स्वास्थ्य सेवाओं के लिए संपर्क कर सकते हैं। बीएमओ डॉक्टर सुनील लकड़ा ने बताया कि उक्त स्वास्थ्य सहायता केन्द्र के माध्यम से पहाडी कोरवा और बिरहोर जनजाति के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करना इस सहायता केंद्र का प्रमुख उद्देश्य है।टीबी के मरीज, उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं के उपचार का अनुश्रवण कर पूर्ण उपचार उपलब्ध कराना उनकी पहली प्राथमिकता है।

जशपुर विधायक रायमुनि भगत ने बताया कि पहाड़ी कोरवा बिरहोर जिले के पहुंचविहीन क्षेत्रों में निवासरत हैं जहां एम्बुलेंस वाहन के माध्यम से भी पहुंच कठिन रहता है। ऐसे क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करना चुनौतीपूर्ण होता है। विशेष पिछड़ी जनजातियों को उक्त स्वास्थ्य सहायता केन्द्र के माध्यम से इन जनजातियों में होने वाली मातृ एवं शिशु मृत्यु में कमी लाना, होने वाली बीमारियों का समय पर पता लगाकर उनकी जांच एवं त्वरित उपचार तथा स्वास्थ्य सुविधाओं को लेने हेतु जागरूक करने का लक्ष्य है। विशेष पिछड़ी जनजाति में समन्वयक के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाऐं लेने हेतु जागरूक करना, टीबी के मरीज, उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं के उपचार का अनुश्रवण कर पूर्ण उपचार उपलब्ध कराना उद्देश्य है।पाठ क्षेत्र के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं हेतु मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में बेहतर सेवायें देने हेतु प्रशिक्षण दिया गया है। विशेष पिछडी जनजातियों को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्यगत समस्या होने पर उक्त सहायता केन्द्र से सम्पर्क कर स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त करने हेतु अपील की जा सकती है।

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