जशपुरनगर,द प्राइम न्यूज नेटवर्क। जिले के ग्रामीण अंचल में घूम घूम कर ठगी करने वाली शातिर महिला और उसके सहयोगी को जशपुर पुलिस ने तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। ठगी की वजह से कर्ज के बोझ में दबी महिलाओं ने बीते दिनों शहर के रणजीता स्टेडियम में परिवार सहित राशन पानी लेकर अनिश्चितकालिन धरना देने पहुंच गए थे।
महिलाओं द्वारा उठाएं गए इस कदम से प्रशासनिक अधिकारी सकते में आ गए थे। पहाड़ी कोरवा और आदिवासी समुदाय की महिलाओं के इस प्रदर्शन से शातिर महिला ठग को गिरफ्तार करने का दबाव पुलिस पर बढ़ गया था। कोतवाली प्रभारी एलएस धुर्वे ने बताया कि सोगड़ा निवासी अनिशा बाई की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने आरोपिता सुमित्रा नाय के खिलाफ धारा 420 के तहत अपराध दर्ज कर,उसकी तलाश में जुटी हुई थी।
आरोपित महिला शहर के नजदीक स्थित गांव लोखंडी की रहवासी है। पतासाजी के दौरान सुमित्रा नायक के तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में छुपे होने की जानकारी मिली। सूचना पर एसपी विजय अग्रवाल के निर्देश पर कोतवाली प्रभारी एलएस धुर्वे के नेतृत्व में एक टीम हैंदराबाद पहुंची। यहां लोकेशन के आधार पर जब स्थानीय पुलिस की मदद से जशपुर पुलिस की टीम ने आरोपिता के ठिकाने पर दबिश दे कर,उसे हिरासत में लिया। शातिर महिला के खिलाफ की गई कार्रवाई के दौरान पुलिस टीम यह जानकर हैरान रह गई कि लाखों की ठगी करने वाली सुमित्रा नायक,हैदराबाद के एक माल में झाड़ू पोछा लगाने का काम करन,अपने बेटे अविनाश नायक के साथ गुजर बसर कर रही थी।
कोतवाली प्रभारी ने बताया कि आरोपित सुमित्रा नायक और उसके बेटे अविनाश नायक को गिरफ्तार कर,न्यायिक हिरासत में जेल दाखिल कर दिया गया है। आरोपितों से पुलिस ने एक कार,एक स्कूटी,दो इलेक्ट्रीक सिलाई मशनी और 5 सिलाई मशीन के साथ 6 लाख रूपए जब्त किया है। इन शातिर ठगों को गिरफ्तार करने में कोतवाली प्रभारी लक्ष्मण सिंह धुर्वे, उप निरीक्षक रामशेखर शुक्ला, राजू राम पांडे, शोभनाथ सिंह, निर्मल बड़ा, कौशल्या बड़ा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
इस तरह दिया था ठगी को अंजाम —
महिलाओं द्वारा पुलिस से किए गए शिकायत के मुताबिक शातिर ठग सुमित्रा नायक और उसके बेटे अविनाश नायक ने महिला सशक्तिकरण अभियान के तहत गरीब और मजदूर वर्ग की महिलाओं को सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण देकर अनुदान व रोजगार दिलाने का झांसा देकर अपने जाल में फांस लिया। महिला ने प्रार्थिया सहित 10 महिलाओं से दो माइक्रो फाइनेंस कंपनी से लोन दिलाने के कागजात में हस्ताक्षर कर लिए और उनके खाते में लोन की राशि आने पर सभी को एक वैन में बैठा कर,जशपुर ले आई और खाते से रकम आहरित कर उन्हें हड़प लिया।
राशि लेने के दौरान महिला ने पीड़ितों का विश्वास जीतने के लिए बैंक कर्ज की राशि का किश्त स्वयं अदा करने का शपथ पत्र भी थमाया। मामले को लेकर उस वक्त बवाल शुरू हुआ जब,कर्ज की राशि का किश्त अदा ना होने पर फाइनेंस कंपनी और बैंक के कर्मचारियों ने ग्रामीण महिलाओं पर कर्ज अदा करने का दबाव बनाना शुरू किया। परेशानी में फंसी महिलाएं पहले तो राहत की उम्मीद लिए अधिकारियों के पास गुहार लगाती रही। कहीं से सहायता ना मिलने पर वे रणजीता स्टेडियम में धरने पर बैठ गई थी।