सहकारी समितियों में लटकने लगे ताले,किसानों की बढ़ी मुसीबत,खाद और लोन के लिए हो रही है परेशानी

फरसाबहार,द प्राइम न्यूज नेटवर्क।रोहित यादव की रिपोर्ट। चार सूत्रीय मांग को लेकर सहकारी समितियों के कर्मचारी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इससे जिले के 24 सहकारी समितियों में कामकाज ठप पड़ गया है। खरीफ वर्ष 2021-22 के सीजन के लिए जिले में इन दिनों धान की रोपाई अंतिम चरण में है। जिले भर में हो रही झमाझम बारिश की वजह से किसान तेजी से रोपा का काम निबटा रहे है। लेकिन ऐन वक्त पर सहकारी समितियों में हड़ताल की वजह से किसानों की मुसीबत बढ़ गई था। हड़ताल से सबसे अधिक खाद की आपूर्ति पर असर पड़ा है। पहले से ही प्रदेश में खाद की कमी से हलाकान हो रहै किसानों के सामने अब खुले बाजार महंगे दाम पर खाद लेने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है। वहीं,कृषि आधारित लोन प्राप्त करने के लिये भी किसानों को अब सहकारी समितियों के दहलीज से निराश हो कर लौटना पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के जिला अध्यक्ष गोविंद यादव ने बताया कि समिति की सबसे प्रमुख मांग धान की सूखती के नाम पर समितियों से वसूल किए गए अंतर राशि को तत्काल वापस लौटाने की है। उन्होंने बताया कि समितियों में जमा धान का समय पर उठाव की जिम्मेदारी शासन प्रशासन के साथ मिलरों की होती है। उठाव में देरी होने से धूप की वजह से सुखत की मात्रा बढ़ती है। लेकिन,सरकार इसके लिए समय पर धान का उठाव ना करने वाले मिलरों के विरुद्ध कार्रवाई करने की जगह,सहकारी समितियों से अंतर राशि वसूल करती है।

समितियों से वसूल किये गए अंतर राशि को जब तक सरकार समितियों के खाते में वापस नहीं कर देती,हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि संघ की दूसरी मांग,समितियों के कर्मचारियो का,सहकारी बैंक के रिक्त पदों पर शत प्रतिशत समायोजन करने की है। इसके साथ ही सेवा नियम और इस सीजन के लिए धान खरीदी प्रक्रिया में संशोधन किए जाने मांग भी शामिल शामिल है।

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