वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को अपना पांचवा बजट पेश किया। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट था। बजट भाषण के दौरान निर्मला सीतारमण कई बड़े ऐलान किये। जिसमें से एक है यूनिटी मॉल। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने बजट भाषण में राज्यों की राजधानियों में यूनिटी मॉल स्थापित करने के लिए राज्यों को प्रोत्साहित करने का ऐलान किया। इन यूनिटी मॉल में ‘एक जिला एक उत्पाद’ और अन्य हस्तशिल्प उत्पादों के प्रचार और बिक्री के लिए जगह मिलेगी। यही नहीं इनमें अन्य राज्यों के उत्पाद की बिक्री भी की जा सकेगी। एक जिला एक उत्पाद योजना से राज्य के छोटे उद्यमियों, शिल्पकारों, बुनकरों को लाभ मिल रहा है और उन्हें राष्ट्रीय मंच पर अनेक अवसर मिल रहे हैं।
अगर राज्यों की राजधानियों में छोटे उद्यमियों, शिल्पकारों, बुनकरों आदि को अपने उत्पाद प्रदर्शित और बिक्री करने के लिए यूनिटी मॉल स्थापित होते हैं, तो इससे न केवल स्थानीय उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा मिलेगा बल्कि इससे रोजगार को भी बढ़ावा भी मिलेगा। इससे एक जिला एक उत्पाद योजना को भी बढ़ावा मिलेगा।
क्या है एक जिला एक उत्पाद योजना
केंद्र सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कई योजनाओं को शुरू किया गया है। एक जिला एक उत्पाद योजना भी उनमें से एक है। एक जिला एक उत्पाद योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई है।
यह योजना राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अंतर्गत आती है। इसका उद्देश्य सभी राज्यों के हर जिले के एक प्रोडक्ट को राष्ट्रीय पहचान देना है और स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध कराना है। इस योजना के अंतर्गत आने वाले उद्योगों को सूक्ष्म, लघु, और मध्यम श्रेणी में रखा गया है। सरकार द्वारा इन उद्योगों को पैसा दिया जाएगा
इसके फायदे
एक जिला एक उत्पाद योजना का सबसे ज्यादा फायदा छोटे उद्यमियों, शिल्पकारों, बुनकरों को हो रहा है। जिले के मुख्य उत्पाद की ब्रांडिंग में सरकार सहायता देती है। इससे उनको बड़ा एक्सपोजर मिलेगा और बिक्री में बढ़ावा मिलेगा। यही नहीं इस योजना से इस योजना से राज्यों के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को नई पहचान मिलेगी।
