रायपुर: गैस सिलेंडर के दाम में एक बार फिर 50 रुपये महंगा होने पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने केन्द्र सरकार के ऊपर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी धृतराष्ट्र बन गया है जिन्हें कमर तोड़ महंगाई दिखाई नहीं दे रहा है इसलिये भाजपा नेत्रियां भी आंख में पट्टी बांध लिये है और कान में रूई डाल लिये है ताकि बेलगाम महंगाई दिखाई एवं सुनाई ना दें। केंद्र में जब से भाजपा की सरकार बनी है तब से बेलगाम महंगाई ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। होली के पहले महंगाई का बम फूटा है 14.2 किलो के घरेलू रसोई सिलेंडर दाम में 50 रूपये और महंगा कर दिये है, अब एक रसोई गैस सिलेंडर को रिफींलिग करवाने के लिये 1210 रुपये चुकाने पड़ेंगे। वहीं व्यावसायिक सिलेंडर भी लगातार महंगा होता जा रहा है। मोदी सरकार के 8 साल के कार्यकाल में 800 रुपए महंगा हो गया है रसोई गैस सिलेंडर ये बहुत ही चिंता की विषय है। लेकिन भाजपा के नेताओं को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। जब यूपीए सरकार में गैस सिलेंडर के कीमत 410 रुपये होता था तब भाजपा के नेता कहते थे बहुत हुई महंगाई की मार अबकी बार मोदी सरकार ।2014 में मोदी ने 100 दिन में महंगाई कम करने का वादा किया था। 8 साल हो गये केन्द्र में भाजपा के सरकार को बेलगाम महंगाई सुरसा राक्षसी बनकर लोगों को निगल रहा है। भाजपा नेत्री एवं मंत्री निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, सरोज पांडे बेलगाम महंगाई पर बोलती बंद हो गई है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि कोई भी त्यौहार आने से पहले नरेन्द्र मोदी जनता को उपहार में महंगाई देता है। 8 साल में नरेन्द्र मोदी के राज में दैनिक जीवन के हर एक अनिवार्य वस्तुओं के दाम में तिगुना वृद्धि हुई है। गैस सिलेंडर यूपीए सरकार में 410 रुपये में मिलते थे अब भाजपा सरकार में वहीं गैस सिलेंडर के लिए 1210 रूपये देना पड़ रहा है। महिलाएं लकड़ी के चूल्हे में खाना बनाने को मजबूर हो गई है लेकिन खाना बनाने के लिये दाल, चावल, आटा, नमक, तेल की जरूरत होती है उसकी पूर्ति कैसे किया जाये महिलाएं समझ नहीं पा रही है। मोदी के गलत नीति के कारण आज रसोई से समान गायब होता जा रहा है। महंगाई इतना बढ़ गया है कि दो वक़्त के भोजन भी बहुत मुश्किल हो गया है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि मोदी सरकार आजादी का 75 साल का अमृत महोत्सव मना रहे है। ये अमृत तो सिर्फ तीन लोगों के लिये है बाकि जनता के नसीब में तो विष ही है। बढ़ती महंगाई और आर्थिक मंदी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था की हालात चिंताजनक है।