रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर अनियमित वित्तीय कंपनियों (चिटफण्ड कंपनियों) एवं उनके संचालको के विरूद्ध लगातार कार्यवाही की जा रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अनयिमित वित्तीय कंपनियों (चिटफण्ड कंपनियों) के संचालन को राज्य में पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। चिटफंड कंपनियों की नीलामी से प्राप्त राशि 30 करोड़ रूपये, 37 हजार 325 निवेशकों को वापस लौटायी जा चुकी है ।
वर्ष 2015 से वर्ष 2023 (31 जनवरी) तक 208 अनियमित वित्तीय (चिटफण्ड) कंपनियों के विरूद्ध 460 प्रकरण पंजीबद्ध कर 536 डायरेक्टरों एवं 119 पदाधिकारियों कुल 655 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है । न्यायालय द्वारा 84 प्रकरणों में 44 अनियमित वित्तीय कंपनियों की चिन्हित सम्पत्तियां जिनकी अनुमानित कीमत 76 करोड़ 32 लाख 40 हजार 870 रूपये की कुर्की का अंतिम आदेश किया गया है।
54 प्रकरणों में 32 अनियमित वित्तीय कंपनियों के 52 करोड़ 04 लाख 48 हजार 406 रूपये की नीलामी/वसूली/राजीनामा की कार्यवाही पूर्ण की जाकर राशि शासन के खाते में प्राप्त हो चुकी है। 30 प्रकरणों में 14 अनयिमित वित्तीय कंपनियों के चिन्हित सम्पत्तियां जिसकी अनुमानित कीमत 24 करोड़ 27 लाख 92 हजार 646 रूपये की न्यायालय से अंतिम आदेश के बाद नीलामी की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
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इसी तारत्मय में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअली कार्यक्रम में चिटफंड कंपनियों में निवेश करने वाले दुर्ग जिले के 3 हजार 274 निवेशकों को 2 करोड़ 56 लाख रुपए की राशि लौटायी ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चिटफंड कंपनियों में निवेश करने वाले निवेशकों को अब तक लगभग 30 करोड़ रुपए की राशि लौटाई जा चुकी है । हमारी सरकार छत्तीसगढ़ में ठगी करने वाली चिटफंड कंपनियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई कर रही है ।
ठगी करने वाली चिटफंड कंपनियों की सम्पत्तियों को कुर्क कर निवेशकों को राशि वापस की जा रही है । उन्होंने कहा कि चिटफंड कंपनियों ने छत्तीसगढ़ में भोले-भाले लोगों को लालच देकर जीवनभर की कमाई लूट ली । हमारी सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि निवेश करने वालों को उनका पैसा वापस मिल जाये ।