कांकेर: छत्तीसगढ़ के आदिवासी शिल्पकार अजय कुमार मंडावी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया।
आपको बता दें कि, शिल्पकार अजय कुमार मंडावी कांकेर जिले के रहने वाले है। वे एक आदिवासी शिल्पकार और कैदियों के पुनर्वास पर काम करने वाले समाज सुधारक हैं।
बंदूक छुड़ाकर छेनी उठाने किया प्रेरित।
अजय कुमार ने नक्सली क्षेत्र के प्रभावित और भटके हुए लोगों को काष्ठ शिल्प कला से जोड़ते हुए क्षेत्र के 350 से ज्यादा लोगों के जीवन में बदलाव लेकर आने के साथ-साथ लकड़ी की अद्भुत कला से युवाओं को जोड़ा है। युवाओं के हाथ से बंदूक छुड़ाकर छेनी उठाने के लिए प्रेरित करने जैसे कार्यों के लिए अजय कुमार मंडावी को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया है।
कला से जुड़ा है पूरा परिवार
बीते दिनों लकड़ी पर कलाकारी करते हुए इन्होंने, भागवत गीता, राष्ट्रगीत, राष्ट्रगान, प्रसिद्ध कवियों की रचनाओं को उकेरने का काम किया है। कांकेर जिले के ग्राम गोविंदपुर के रहने वाले अजय कुमार का पूरा परिवार आज किसी न किसी कला से जुड़ा हुआ है। यह कला विरासत में मिली है। उनके पिता आरती मंडावी मिट्टी की मूर्तियां बनाने का काम करते थे जबकि उनकी मां सरोज मंडावी पेंटिंग का काम किया करती थीं। इतना ही नहीं उनके भाई विजय मंडावी एक अच्छे अभिनेता व मंच संचालक भी हैं