जशपुर बस्तर से मजदूरी करने के लिए झारखंड के दुमका गए ग्रामीण,ठेकेद्वार द्वारा मजदूरी न दिए जाने से सवा 4 सौ किलोमीटर पैदल चल कर जशपुर पहुंचें। यहां,उन्होनें पुलिस से सहायता मांगी। कोतवाली पुलिस ने इन मजदूरों के आराम और भोजन करने के साथ बस से रायपुर तक जाने की व्यवस्था की।
कोतवाली प्रभारी रविशंकर तिवारी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि रविवार की शाम को कुछ ग्रामीण थाना पहुंचे। उन्होनें सहायता करने का अनुरोध करते हुए बताया कि वे सभी बस्तर के कोंडागांव के रहने वाले हैं। उन्हें एक ठेकेदार मजदूरी दिलाने के बहाने झारखंड के दुमका ले गया था। वहां,कई महिने तक मजदूरी कराने के बाद,उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं किया। इस पर उन्होनें घर वापस जाने का निर्णय लिया। लेकिन हाथ खाली होने के कारण बस से सफर करने में सक्षम नहीं थे। इसलिए वे दुमका से पैदल ही निकल गए। रास्ता पूछते हुए तीन दिन का सफर तय करके किसी तरह जशपुर पहुंचे थे।
इन मजदूरों की आपबीती सुन कर कोतवाली प्रभारी रवि शंकर तिवारी सहित थाना में मौजूद सारे पुलिसकर्मी हैरान रह गए। एसपी डी रविशंकर के निर्देश पर कोतवाली प्रभारी ने मजदूरों के थाना के वेटिंग रूम में आराम करने के साथ भोजन की व्यवस्था की। ओर जशपुर से रायपुर जाने वाली एक नीजि यात्री बस में बैठा कर,सभी मजदूरों को रवाना किया। रास्ता के खर्च के लिए जशपुर पुलिस ने मजदूरों को 1 हजार रूपए भी उपलब्ध कराया।
लगभग 427 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर,जशपुर पहुंचे मजदूरों में बस्तर के कोंडागांव जिले के जूनापानी चिलपुट्टी मनसाय पिता आयतु,35 वर्ष,नसीन पिता विष्णु 40 वर्ष,जय राम पिता दशरथ 46,फूलचंद पोयम पिता हीराधर 28 वर्ष,विश्वनाथ पिता धनिया 58 वर्ष शामिल है। जशपुर पुलिस की सहायता और संवदेनशीलता से इन गरीब मजदूरों की आंखे भर आई। रायपुर के लिए बस में बैठने से पहले उन्होनें पुलिस प्रशासन का आभार भी जताया।
रविशंकर तिवारी, कोतवाली प्रभारी,ने कहा कि पांच मजदूर,रविवार की शाम को थाना पहुंचे थे। उन्होनें आपबीती सुना कर सहायता करने का अनुरोध किया था। एसपी डी रविशंकर के निर्देश पर सभी मजदूरों के आराम,भोजन और सफर की व्यवस्था करने के साथ रास्ता खर्च के लिए 1 हजार रूपए दिया गया।’