रायपुर: शीत सत्र के पहले ही दिन सदन में आरक्षण के मुद्दे पर पक्ष विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। विपक्ष के बृजमोहन अग्रवाल ने प्रश्नकाल के बाद शून्य काल में आरक्षण का मुद्दा उठाया और जिस कवाटिफाइबल डाटा के बेस के आधार पर आरक्षण सरकार ने पारित करवाया उसे सदन के पटल पर रखने की मांग की। इसके साथ ही हंगामा के बीच यह भी कहा कि राजभवन की चिट्ठी पर दिए गए 10 बिंदुओं के जवाब को भी सदन के सामने लाया जाए। इसी मुद्दे पर दो बार कार्यवाही स्थगित होने के बाद सदन की कार्यवाही अगले दिन के लिए स्थगित कर दी गई। सदन स्थगित होने के पूर्व भाजपा के 11 सदस्य गृभगृह में जाकर स्वयं निलंबित हो गए।
शून्य काल में बृजमोहन अग्रवाल द्वारा मामला उठाते ही कांग्रेस के सदस्य सदन में खड़े होकर हंगामा करने लगे। मोहन मरकाम ने भाजपा को आदिवासियों पिछड़ों व एससी वर्ग का विरोधी बताया। अनेक प्रयासों के बाद भी दोनों पक्षों द्वारा शांत ना होने पर अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने पहली बार 10 मिनट व दूसरी बार 5 मिनट के लिए सदन को स्थगित किया। अंततः भाजपा के 11 सदस्य गृभ गृह में जाकर स्वमेव ही निलंबित होने की प्रक्रिया में चले गए। अध्यक्ष ने सदन में सभी 11 भाजपा सदस्यों को निलंबित घोषित किया और कार्यवाही को अगले दिन के लिए स्थगित कर दिया। जैसे ही भाजपा ने आरक्षण की प्रक्रिया को उठाया वैसे ही मोहन मरकाम ने भाजपा को आरक्षण का विरोधी बता दिया। सत्ता पक्ष के आदिवासी मंत्री कवासी लखमा, अमरजीत भगत, मोहन मरकाम, लक्ष्मी ध्रुव ने मुखरता के साथ भाजपा पर अनेक आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया और उसे आरक्षण विरोधी ठहराया।
भाजपा के सदस्य भी सदन में खड़े हो गए और सरकार पर आरक्षण विरोधी होने का आरोप मढ़ते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। अजय चंद्राकर,बृजमोहन अग्रवाल,के.के.बांधी, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल,शिवरतन शर्मा ने सत्ता पक्ष के हंगामें पर अध्यक्ष से पॉइंट ऑफ आर्डर की बात उठाई। अध्यक्ष बृजमोहन अग्रवाल को सुनना चाहते थे लेकिन सत्ता पक्ष के लोगो ने अभूतपूर्व हंगामा करते हुए अग्रवाल को बोलने ही नहीं दिया। नारायण चंदेल ने इस बात पर आसंदी को इशारे में इस हंगामें को रोकने का अनुरोध किया। अध्यक्ष के बार बार अनुरोध के बाद भी दोनों पक्ष मनाने को तैयार नहीं हुए। अध्यक्ष ने मामले को सुलझाने व सुचारू रूप से कार्यवाही को चलाने दो बार क्रमशः 10 व 5 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित भी किया। पुनः हंगामा जारी रहने पर तथा भाजपा सदस्यों के गृभ गृह में आ जाने पर अध्यक्ष ने उनके निलंबन की सदन में घोषणा करने के साथ ही अंततः सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित करने की घोषणा भी कर दी।
सदन के बाहर आकर विधान सभा की लॉबी में सरकार और भाजपा की ओर से मीडिया के समक्ष अपना अपना पक्ष रखा जाने लगा। सदन के भीतर लगाए गए आरोपों को दोनों दलों द्वारा दोहराया गया। लॉबी में दोनों दलों के सदस्यों ने एक दूसरे पर आरक्षण व आदिवासी -ओबीसी-एससी विरोधी होने के आरोप लगाते हुए नारेबाजी भी की गई। इसके बाद भाजपा के सदस्य महात्मा गांधी की परिसर स्थित प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन करने चले गए। उल्लेखनीय यह रहा कि लॉबी में जहां कांग्रेस के ओर से सिर्फ आदिवासी सदस्य ही बयान दे रहे थे तो भाजपा की ओर से बयान देने का मोर्चा अजय चंद्राकर व बृजमोहन ने संभाला था।