जशपुर नगर- शासकीय आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, डोड़काचौरा, जशपुर नगर में 16 नवम्बर शनिवार को स्पंदन-सफलता की लहरें कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रमोद कुमार भटनागर के मार्गदर्शन एवं प्राचार्य खान वक्कारुज्जमां खां के नेतृत्व में विद्यालय परिवार के द्वारा प्रारम्भ किये गए इस कार्यक्रम के अंतर्गत, शनिवार को विद्यालय के पूर्व छात्रों के द्वारा, विद्यार्थियों को मार्गदर्शन और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया जायेगा।
कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व छात्र शंकर राम, अनुविभागीय अधिकारी के पद पर बीएसएनएल जशपुरनगर में पदस्थ हैं। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि उनका जन्म एक निर्धन परिवार में हुआ। माता- पिता दोनों अनपढ़ थे। अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम की शाला में पढ़ाई के बाद आदर्श विद्यालय में प्रवेश मिला था, अतः राष्ट्रवादी भाव तो उनके अंदर में पहले से ही समाहित था। श्री राम ने आदर्श विद्यालय के शिक्षकों और सीनियर छात्रों के द्वारा पढ़ाई के लिए प्रेरित करने और सहयोग करने के कई प्रसंग साझा करते हुए कहा कि छात्रावास के मेस के बचे पैसे से उन्होंने इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा का फॉर्म भरकर अम्बिकापुर में परीक्षा लिखी थी। 2007 में एनआईटी राउरकेला से एमटेक उत्तीर्ण करने के बाद दो वर्ष दूरदर्शन में भी काम किया। उन्होंने छात्रों से कहा कि शिक्षा के कारण ही एक गरीब परिवार में जन्म लेने के बावजूद, आज एक मध्यमवर्गीय जीवन जी पा रहे हैं। शिक्षा ही एकमात्र साधन है, जो हमें आगे बढ़ा सकती है। ईश्वर ने सभी मनुष्यों के लिए, चाहे वह अमीर हो या गरीब, सभी को दिन में 24 घण्टे दिए हैं। समय को आप रख नहीं सकते हैं, इसलिए समय का प्रबंधन ज्ञान अर्जित करने के लिए कीजिये। इसी ज्ञान से आप अपना भविष्य बना सकते हैं। मैं स्वयं इसका एक उदाहरण हूँ।
कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य आधिकारी जशपुर नगर में लेखापाल, आदर्श विद्यालय के पूर्व छात्र, श्री सुंदर साय ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह स्कूल हीरों की खदान है। जो भी हमारे आगे या पीछे बैच में इस शाला से उत्तीर्ण हुए हैं, सभी कहीं न कहीं अच्छी जगह पर काम कर रहे हैं। यह विद्यालय, अविभाजित मध्यप्रदेश के 5 आदर्श विद्यालयों में से एक आदर्श विद्यालय है। यहां के शिक्षक चाहते हैं, कि उनके बच्चे उत्कृष्ट बनें, इसलिए आज हमें आमंत्रित किया गया है। मेरे जैसे ही आप सब को, आपके माता-पिता ने राजा बेटा कहा है, इसलिए आप सब को अपने माता-पिता के सपनों को साकार करने के लिए प्रयास करना है। सपने साकार करने का ज्ञान अर्जित करने के अलावा और कोई माध्यम नहीं है। श्री साय ने अपने बैच के छात्रों के प्रसंगों का उल्लेख करते हुए समझाया कि अभी आप स्वयं को जितना घिसेंगे, भविष्य में उतना ही चमकेंगे। अपने कर्म ऐसे करेंगे, जिससे अपने माता-पिता, शिक्षकों, सहपाठियों और भविष्य के सहकर्मियों के चहेते बन कर रहेंगे, क्योंकि आप सभी आदर्श विद्यालय के छात्र हैं।
इस कार्यक्रम के आयोजन में सभी शिक्षकों और कर्मचारियों ने अपना सक्रिय योगदान दिया।