मुंगेली कलेक्टर राहुल देव ने कहा कि स्कूलों में सुरक्षा मानकों का गंभीरतापूर्वक पालन नहीं करने पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। बच्चों से महत्वपूर्ण कोई नहीं हैं। स्कूलों में सुरक्षा मानकों का शतप्रतिशत पालन करें। कलेक्टर देव ने आज जिला कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभाकक्ष में आयोजित निजी स्कूल संचालकों और प्राचार्यों की बैठक में उक्त बातें कही। बैठक में उन्होंने पूर्व में दिए गए निर्देशों के पालन प्रतिवेदन के संबंध में भी जानकारी ली। उन्होंने बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से सभी निजी स्कूल संचालकों को अपने स्कूल स्टाॅफ के कैरेक्टर सत्यापन हेतु बेसिक जानकारी संबंधित थाना में शीघ्र उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।
कलेक्टर ने कहा कि 12 फरवरी को जिला मुख्यालय स्थित डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में स्कूली वाहनों की जांच एवं वाहन चालकों व परिचालकों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु शिविर आयोजित किया जाएगा। उन्होंने स्कूल संचालकों को उक्त शिविर में स्कूली बसों एवं बच्चों को लाने ले जाने में उपयोग होने वाले साधनों की अनिवार्य रूप से फिटनेस जांच के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने संबंधित विभाग को निजी स्कूलों का समय-समय पर निरीक्षण करने और सुरक्षा मानकों के पालन का जायजा लेने के भी निर्देश दिए। उन्होंने स्कूल संचालकों व प्राचार्यों से कहा कि बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से स्कूल प्रबंधन समिति की नियमित बैठक लेने, समय-समय पर गुड टच-बेड टच गतिविधि आयोजित करने तथा ‘‘अभिव्यक्ति एप’’ के संबंध में जानकारी जरूर दें।
इस अवसर पर अपर कलेक्टर तीर्थराज अग्रवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रतिभा पाण्डेय, जिला शिक्षा अधिकारी सविता राजपूत, जिला परिवहन अधिकारी असीम माथुर सहित संबंधित विभाग के अधिकारी और निजी स्कूल के संचालक और प्राचार्य उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से स्कूल बसों के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित सुरक्षा मानकों का शत प्रतिशत पालन किया जाना चाहिए। स्कूल बस में सीसीटीवी कैमरा चालू स्थिति में और जीपीएस सिस्टम अनिवार्य रूप से होना चाहिए। स्कूल बस में महिला व बच्चों के लिए हेल्पलाईन नम्बर, बस के बाए भाग में स्कूल का नाम, पता व मोबाईल नम्बर, सामने व पीछे भाग में ‘‘स्कूल बस’’ और निकटतम थाना का नम्बर अंकित होना चाहिए। बस की खिड़कियों में समानान्तर जाली लगी होनी चाहिए। बस में प्राथमिक उपचार व अग्नि शमन यंत्र की व्यवस्था होनी चाहिए। बस 12 वर्ष से अधिक पुराना नहीं होना चाहिए। बस में वैध बीमा, प्रदूषण नियंत्रण तथा टैक्स जमा होने का प्रमाण पत्र उपलब्ध होना चाहिए। बस के खिड़कियों में रंगीन कांच व पर्दे नहीं लगे होना चाहिए। बस के प्रवेश द्वारा में विश्वसनीय लाकिंग सिस्टम होना चाहिए। बस में स्पीड गति सीमा के पालन हेतु स्पीड गवर्नर लगा होना चाहिए। बस में दाहिनी ओर अच्छी तरह से बंद पर क्रियाशील दरवाजा होना चाहिए।