जशपुर द प्राइम न्यूज़ नेटवर्क : रायगढ़ में तहसीलदार रामप्रसाद सिदार,लिपिक और भृत्य अखिलेश श्रीवास के साथ चार अधिवक्ता के द्वारा की गई कथित मारपीट की घटना के विरोध में सोमवार को जिले भर कनिष्ट प्रशासनिक अधिकारी हड़ताल पर रहे। आंदोलित अधिकारी सभी दोषी वकीलों की गिरफ्तारी के साथ ही कार्यालय में सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम की मांग कर रहे हैं।
शहर के रणजीता स्टेडियम के पास कनिष्ट प्रशासनिक अधिकारियों ने धरना देकर,अपनी मांग को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। तहसीलदार सुरेश चंद्रवंशी ने बताया कि रायगढ़ की घटना से प्रदेश भर के अधिकारी व कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। जिस प्रकार शासकीय दायित्व के निर्वाहन के दौरान न्याय दिलाने का काम करने वाले अधिवक्ताओं ने कानून अपने हाथ में लेते हुए,घटना को अंजाम दिया है,उससे राजस्व न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ी करती है। इसलिए,छत्तिसगढ़ कनिष्ट प्रशासनिक सेवा संघ के आह्वान पर एक दिवसीय धरना दिया है। कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में संघ ने मांग पूरी ना होने पर अनिश्चितकालिन हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दी है। कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के इस आंदोलन के समर्थन में लिपिक वर्गिय कर्मचारी संघ भी उतर आया है। सोमवार को आयोजित धरना में जिले भर के पटवारी और राजस्व निरीक्षकों के साथ लिपिक भी बैठे रहे। इस वृहद आंदोलन की वजह से प्रशासनिक कार्य बुरी तरह से प्रभावित हुआ। शासकीय कार्यालयों के दरवाजे तो खुले रहे,लेकिन कामकाज नहीं हो सका। दूर दराज से आए लोगों को निराश हो कर लौटना पड़ा।
एसडीएम भी पहुंचे समर्थन देने —
रणजीता स्टेडियम के समीप आयोजित धरना स्थल पर जिले के एसडीएम भी आंदोलन को समर्थन देने पहुंचें। कुनकुरी के एसडीएम रवि राही ने कहा कि रायगढ़ की घटना निंदनीय होने के साथ राजस्व न्यायालय की सुरक्षा को लेकर कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने जो मांग उठाई है,वह पूरी तरह से तर्क संगत है। उन्होनें उम्मीद जताया कि प्रदेश सरकार,मामले को लेकर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के साथ ही राजस्व न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के लिए पहल करेगी।