एसएसपी अग्रवाल ने लोगों से की अपील, विवेक से काम लें
रायपुर। माना संप्रेक्षण गृह से एक महिला बच्चों को कपड़े की खरीदारी करने के लिए गोलबाजार लेकर पहुंची हुई थी कि कुछ लोगों को उन पर बच्चा चोरी होने का शक हो गया और उनके बीच जमकर बहस-बाजी शुरु हो गई। मामला जब तक बढ़ जाता गोलबाजार पुलिस मौके पर पहुंची और महिलाओं और बच्चों लेकर थाने लेकर आए तब मामले का पटाक्षेप हुआ। वहीं बच्चा चोर गिरोह के नाम से राज्य में गांव से लेकर शहर तक अफवाह फैल चुकी है, इस मामले पर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे इस मामले में विवेक से काम लें।
गोल बाजार थाना प्रभारी सुदर्शन ध्रुव ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली कि एक महिला 10 से 12 बच्चों को साथ लेकर कहीं जा रही है। जब तक पुलिस वहां तक पहुंच पाती तब तक आसपास के लोगों ने महिला व बच्चों घेर लिया था और उनके बीच जमकर बहस-बाजी हो रही थी। पुलिस वहां पहुंची और लोगों को शांत कराते हुए महिला को थाने लाकर आई औश्र पूछताछ की गई तो महिला ने माना बाल संप्रेक्षण गृह का कार्ड दिखाया और बताया कि वह माना से बच्चों को कपड़े खरीदारी करने के लिए लेकर आई थी। एसओएस माना के उच्च अधिकारियों से तत्काल संपर्क किया और पुष्टि होने के बाद महिला व बच्चों को छोड़ दिया गया। वहीं दूसरी ओर महिला के साथ मारपीट किए जाने की सूचना पर टीआई ने कहा कि किसी ने भी महिला से मारपीट नहीं की है।
वहीं दूसरी ओर बच्चा चोर गिरोह या अफवाहों को लेकर रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने कहा है कि राजधानी समेत प्रदेश भर में बच्चा चोर गैंग के घूमने की अफवाह फैल चुकी है। ऐसे में संदिग्ध व्यक्ति मिलने या किसी भी नागरिक से इस संबंध में पूछताछ करने के पहले सभी पुख्ता जानकारियां जुटा लें। अनजान व्यक्ति से बच्चा चोरी के शक में मारपीट न करें। सबसे पहले पुलिस को इसकी जानकारी दें। इस मामले में पुलिस अपने स्तर पर जांच करेगी। पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि वे इस मामले में विवेक से काम लें।
