जशपुरनगर द प्राइम न्यूज। सड़क में डेरा जमाए हुए निराश्रित मवेशियों की चपेट में आ कर घायल हुए बाइक चालक की इलाज के दौरान,रांची के एक नीजि अस्पताल में मौत हो गई। शहर की सड़कों पर डेरा जमाएं हुए मवेशियों के मामले में नगरपालिका मूक दर्शक बना हुआ है। जिला मुख्यालय में आला प्रशासनिक अधिकारियों के नाक के नीचे प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी रोकाछेका अभियान की उड़ रही धज्जियां की ओर किसी का ध्यान नहीं है।
यहां तक कि सरकार की योजनाओं का गुणगान गाते फिर रहे कांग्रेस के जनप्रतिनिधि,संगठन पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने भी शहर की इस दुर्दशा की ओर से मुंह फेर लिया है। यातायात पुलिस और कुछ सामाजिक संगठन,इन निराश्रित मवेशियों को सिंग और गले में रेडियम पट्टा डाल कर,हादसे को टालने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
जानकारी के मुताबिक शहर के निवासी प्रदीप कुमार नायडू,जिन्हें छोटे नायडू के नाम से जाना जाता था,23 जुलाई की रात तकरीबन साढ़े 8 बजे,टेलीफोन एक्सचेंज के पास सड़क के बीच में बैठे हुए मवेशी से टकरा कर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। स्वजनों के मुताबिक हादसे के वक्त प्रदीप,बस स्टेण्ड से घर की ओर लौट रहे थे। घायल प्रदीप को इलाज के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था,यहां उनके सिर की गंभीर चोट को देखते हुए,चिकित्सकों ने इलाज के लिए रांची रेफर किया था। रांची में इलाज के दौरान उन्होनें बीती रात अंतिम सांस ली। इस हादसे से पहले 19 जुलाई को कटनी गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग में स्थित ग्राम डोड़काचौरा में शिक्षक सरीन इकबाल,सड़क के बीच में पड़े हुए मृत मवेशी से टकरा कर घायल हो गए थे। जाहिर है,सड़क में डेरा जमाए हुए इन मवेशियों से अब लोगों की जान पर बन आई है।
लापता हुए नगरपालिका के जनप्रतिनिधि और अधिकारी —
रियासतकालिन नगरपालिका का तमगा लिए हुए नगर सरकार को शहरवासी इन दिनों शिद्दत से खोज रहे हैं। सफाई व्यवस्था लेकर शहर की स्ट्रीट लाइट व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। जल आपूर्ति भी भगवान के भरोसे रह गई है। नगरपालिका परिषद के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ परिषद के जनप्रतिनिधि भी जमीन से पूरी तरह से कटे हुए नजर आ रहें हैं। अनलाक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद इन दिनों लोगों की आवाजाही बढ़ने और बाजार के खुलने से कचरे की समस्या बढ़ी है। लेकिन नगर पालिका को इन दिनों स्वच्छता और नगरवासियों के स्वास्थ्य से अधिक,स्वच्छता रैकिंग में अव्वल नम्बर हासिल करने के लिए अंकों की चिंता सता रही है।
वर्जन —
शहर में मवेशी पालक और निराश्रित मवेशियों की संख्या अधिक नहीं है। निराश्रित मवेशियों को व्यवस्थित करने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है। लापरवाह मवेशी पालकों के खिलाफ जुर्माना लगाया जा रहा है।
बसंत बुनकर,सीएमओ नगरपालिका,जशपुर।