रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अक्षय तृतीया के विशेष मौके पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं। उन्होंने सभागार में आयोजित समारोह में शामिल होने आए किसानों से कहा कि आज का दिन अति पावन है। आज अक्ति तिहार है, तो भगवान परशुराम का जन्मोत्सव भी है।
सीएम ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि माना जाता है कि भगवान परशुराम ने कृषि के क्षेत्र में कई शोध किए, तो भगवान परशुराम ने ही अक्षयपात्र का निर्माण किया था। उन्होंने बताया कि भगवान परशुराम का फरसा युद्ध के साथ खेत में भी उपयोगी है, दूसरा कोई अन्य औजार का ऐसा उपयोग नहीं किया जा सकता।
सीएम बघेल ने कहा कि आज के दिन किसान धरती माता की पूजा करते हैं और बीज छिड़कते हैं। कोंकड़ से मालाबार तक भगवान परशुराम के कई मंदिर हैं, कृषि के क्षेत्र में भगवान परशुराम का बहुत योगदान है। उन्होंने कहा कि जैसे हम अपने स्वास्थ्य की चिंता करते हैं वैसे ही धरती माता की भी चिंता करनी चाहिए। मिट्टी में रासायनिक खाद का उपयोग ना कर जैविक खेती की तरफ बढ़ना चाहिए। वेदों में भी कहा गया है कि प्रकृति से हम जितना लेते हैं उतना वापस भी करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जो भी सुविधा ले रहे हैं सभी प्रकृति से मिल रही हैं, इसलिए हमें सोचना चाहिए कि हम वापस क्या कर रहे हैं। हम धरती माता को खोदते हैं उसके पहले हम उनसे अनुमति लेते हैं तब कुदाल चलाते हैं, धरती माता को जो क्षति होती है उसके लिए हम क्षमा मांगते हैं।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने दो बड़ी घोषणाएं भी की। सीएम ने बताया कि मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कारगर कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय और एम्स में भी मिलेट्स कैफे खुलेगा। जिससे वहां मरीजों को मिलेट्स से बने पोषक आहार दिए जा सकेंगे।