रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल माता कौशल्या महोत्सव के समापन समारोह में शामिल हुए। उन्होंने राम वनगमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत चंदखुरी के कौशल्या धाम परिसर में माता कौशल्या महोत्सव के पहले 9 करोड़ 88 लाख रूपए की लागत से तैयार वॉटर, लेजर, लाईट एवं साऊण्ड शो का शुभारंभ किया। इसके बाद मुख्यमंत्री बघेल स्वयं दर्शक दीर्घा में पहुंचे और लेजर साउंड शो का लुत्फ उठाया।
रायपुर के चंदखुरी में स्थित माता कौशल्या धाम में 22 से 24 अप्रेल तक तीन दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया गया। समारोह के आखिरी दिन लेजर साउंड शो के शुरू होने से श्रद्धालुओं को एक नए रोमांच का अनुभव देखने को मिला। माता कौशल्या धाम में शुरू हुए वाटर, लाईट,लेजर एंड साउंड शो के माध्यम से श्रद्धालु भगवान राम के वनवास और वन गमन पथ की कहानियां सुन और देख सकेंगे। इस शो में माता कौशल्या के जीवन चरित्र का विवरण प्रस्तुत किया जाएगा, जिसे तीन चरणों में प्रस्तुत किया जा रहा है।
पहला चरण 10 मिनट का है। इसमें माता कौशल्या धाम चंदखुरी को आधार बनाकर माता कौशल्या के जन्म से लेकर विवाह और पुत्र जन्म तक का फिल्मांकन किया गया है। दूसरा चरण 15 मिनट का है। इसमें राम वनगमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत वर्तमान में चिन्हांकित 10 स्थलों के प्राचीन महत्व पर आधारित फिल्म का निर्माण किया गया है। तीसरे और अंतिम चरण में पर्यटकों को छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति, खान-पान, जनजातीय जीवन शैली और विकास से संबंधित जानकारी मूलक फिल्म का निर्माण किया गया है। इस चरण की अवधि लगभग 15 मिनट की है।
इन तीन चरणों के अलावा लगभग 10 मिनट की अवधि का म्यूजिकल फाउण्टेन की भी प्रोग्रामिंग की गई है। इसमें छत्तीसगढ़ के राज्य गीत के अलावा छत्तीसगढ़ की लोकशैली पर आधारित म्यूजिक, बॉलीवुड/देशभक्ति गानों को शामिल किया गया है। चंदखुरी स्थित माता कौशल्या धाम, राम वनगमन पर्यटन परिपथ का अति महत्वपूर्ण स्थल है। यह स्थल राजधानी रायपुर से मात्र 27 किमी की दूरी पर स्थित है। 126 तालाबों वाले इस गांव में जलसेन तालाब के बीच में माता कौशल्या का एतिहासिक मंदिर स्थित है जो पूरे भारत में सिर्फ यहीं पर है। प्रभु श्रीराम को गोद में लिए हुए माता कौशल्या की अद्भुत प्रतिमा इस मंदिर को दुर्लभ बनाती है।
मुख्यमंत्री बघेल ने भगवान श्रीराम के ननिहाल और माता कौशल्या की नगरी चंदखुरी में तीन दिवसीय माता कौशल्या महोत्सव का आज समापन किया। माता कौशल्या महोत्सव को महिला सशक्तिकरण की थीम पर मनाया गया। आस्था और भक्ति से ओतप्रोत इस महोत्सव में छत्तीसगढ़ सहित देश के ख्याति प्राप्त कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मंचन भी किया गया।
पर्यटन कैफे का हुआ उद्घाटन
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समापन अवसर पर मंदिर परिसर में स्थित पर्यटन विभाग द्वारा तैयार टूरिज्म कैफे का भी उद्घाटन किया। पयर्टन कैफे शुरू होने से अब यहां आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को छत्तीसगढ़ी व्यंजन सहित मिलेट्स से तैयार किए गए खाद्य उत्पाद उपलब्ध होंगे। इस कैफे के शुरू होने से श्रद्धालुओं को छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का लुत्फ उठाने का मौका मिलेगा और पर्यटक भी छत्तीसगढ़ी व्यंजनों से रूबरू हो सकेंगे।
महिला स्व-सहायता समूह की स्टॉलों दिखी
छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार लगातार काम कर कर रही है। मेला, उत्सवों एवं अन्य प्रदर्शनी आदि कार्यक्रमों के अवसर पर महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित वस्तुओं के विक्रय एवं प्रचार-प्रसार हेतु उनको बाजार भी उपलब्ध कराया जा रहा है। माता कौशल्या महोत्सव के मौके पर भी महिला स्व-सहायता द्वारा उत्पादित वस्तुओं को विक्रय के लिए विशेष तौर पर नौ स्टॉल तैयार किए गए थे। महिलाओं द्वारा संचालित इन स्टालों में छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक देखने को मिली।