वर्ष भर चारा उत्पादन की तकनीक पर स्व-सहायता समूह की महिलाओं को कृषि वैज्ञानिको द्वारा दिया गया प्रशिक्षण, पशु आहार बेच कर अब महिलाओ को होगी अतरिक्त आमदनी

बेमेतरा द प्राइम न्यूज़ नेटवर्क। राज्य सरकार की सुराजी गांव योजना के अंतर्गत गौठानों में पशुओं को हरा चारा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिले में स्व-सहायता समूह की महिलाओं को कृषि विज्ञान केन्द्र बेमेतरा, जनपद पंचायत बेरला व साजा, पशु विभाग एवं उद्यानिकी विभाग के संयुक्त तत्वाधान में वर्ष भर चारा उत्पादन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

बेरला ब्लाक के 21 ग्राम पंचायतो के स्वसहायता समूहों के 35 महिलाओं तथा साजा ब्लाक के 15 ग्राम पंचायतों के स्वसहायता समूह के 30 महिलाओं को प्रषिक्षण दिया गया, इस प्रशिक्षण में वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा, डाॅ. जी. पी. आयम के मार्गदर्शन में विषय वस्तु विशेषज्ञ डाॅ. वेधिका साहू व डाॅ. (ईजि.) जितेन्द्र जोशी, डाॅ. एन के ठाकुर, पशु चिकित्सा विभाग साजा, डाॅ. आकाश चन्द्राकर, पश चिकित्सा अधिकारी बेरला, डाॅ. अजित पैकरा, पश चिकित्सा अधिकारी बेरला,इन सभी का ज.पं. साजा एवं ज.पं. बेरला के प्रशिक्षण कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी रही।

कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि वैज्ञानिक डाॅ. वेधिका साहू एवं डाॅ.(ईजि.) जितेन्द्र जोशी द्वारा वर्ष भर चारा उत्पादन की तकनीक पर प्रशिक्षण दिया। इसमें वर्षभर चारा उत्पादन हेतु खरीफ की मुख्य चारा फसल जैसे-नेपियर, सोरधम, मक्का, लोबिया रबी मौसम की मुख्य चारा की फसल जैसे-बरसीम के उन्नत कास्त तकनीक के बारे में विस्तार से प्रशिक्षणार्थीयों को प्रशिक्षण दिया गया। वर्ष भर चारा उत्पादन प्रशिक्षण के अंतर्गत खेत की तैयारी, बीज की मात्रा, उन्नत किस्म, पौध रोपण की दूरी, पोषक तत्व की मात्रा, खरपतवार व कीट नियंत्रण एवं कटाई का उचित समय के बारे में विस्तार से कृषि वैज्ञानिकों द्वारा बताया गया एवं सायलेस बनाने के लिए उपयुक्त चारा फसल के बारे में जानकारी दी गई। जिसे बनाकर एवं पश आहार के रूप में विक्रय कर स्व-सहायता समूह की महिलाएं इनसे अच्छा मुनाफा कमा सकती है।

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