नेता कोई भारतीय जनता पार्टी का हो या किसी का कांग्रेस से नाता हो, बाबा बागेश्वर धाम का हर कोई नमस्कार कर रहा है। एक तरफ भाजपा की दिग्गज नेता और पूर्व सीएम उमा भारती ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बेटे जैसा बताया है तो दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ भी मत्था टेकने पहुंच गए। महज 26 साल के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की लोकप्रियता और भक्तों की बड़ी संख्या को देखते हुए हर दल के नेता खुद को उनके करीब दिखाने में जुट गए हैं। माना जा रहा है कि कुछ ही महीनों बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपना ‘चमत्कार’ दिखा सकते हैं।
छतरपुर के गढ़ा गांव स्थित बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भले ही नेशनल मीडिया की सुर्खियों में हाल में हुए कुछ विवादों की वजह से आए। लेकिन बागेश्वर धाम आस्था का पुराना केंद्र है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हाल के दिनों में इसे नया विस्तार दिया है। बेहद आकर्षक वेशभूषा में चुटीले अंदाज से कथा कहने वाले धीरेंद्र शास्त्री पिछले कुछ सालों में सोशल मीडिया के सहारे बेहद लोकप्रिय हो चुके हैं। भक्तों के मन की बात पढ़ लेने के उनके दावों ने तो उनके अनुयायियों की संख्या को लाखों से करोड़ों में पहुंचा दिया है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के चमत्कारों को चुनौती दिए जाने के बाद तो दरबार में भक्तों का रेला और ज्यादा बढ़ गया है। बागेश्वर धाम के भक्तों में गरीबों से लेकर वीआईपी तक शामिल हैं।
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा अक्सर धीरेंद्र शास्त्री के दरबार में दिखते हैं तो विपक्षी नेता कमलनाथ भी खुद को बागेश्वर धाम का भक्त बताते हैं। हाल ही में मोदी सरकार के मंत्री नितिन गडकरी भी उनसे आशीर्वाद लेते दिखे थे। रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बेटे जैसा बताकर उनकी ‘महिमा’ का गुणगान किया। उमा ने उन्हें क्षेत्र का गौरव बताते हुए कहा कि हाल ही में जब भोपाल के दुर्गा हनुमान मंदिर में वह 4 दिन रुकीं तो अलौकिक आनंद की अनुभूति हुई। उमा ने कहा कि उन्हें पता चला कि असल में यहां बागेश्वर धाम की कुटिया बनी थी। पूर्व सीएम ने कहा, ‘जहां मैं थी, वहां की अनुभूतियों की अलौकिकता ने मेरे मन के अंदर यह भाव स्थापित कर दिया कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, बागेश्वर धाम एक तपस्वी है, अलौकिक है। लोग उनके अधिक से अधिक जाकर दर्शन करें, यह मैंने हमेशा कहा। अब तो और जोर से यह बात कहूंगी।’
मध्य प्रदेश में कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। माना जा रहा है कि इस बार चुनाव में बागेश्वर धाम की अहम भूमिका हो सकती है। बागेश्वर धाम के अनुयायियों की बड़ी तादाद को देखते हुए हर दल और हर नेता खुद को बागेश्वर धाम का बड़ा भक्त बताने में जुटा है। आने वाले दिनों में बागेश्वर धाम में नेताओं की दौड़ में इजाफा हो सकता है। हालांकि, खुद धीरेंद्र शास्त्री खुद को राजनीति से अलग करते रहे हैं और वह कहते हैं कि उनका सियासत से कोई लेनादेना नहीं है। वह कहते हैं कि सभी पार्टियों के लोग उनके दरबार में आते हैं और वह सबको एक जैसा आशीर्वाद देते हैं।