शहीदों के परिजनों का किया गया सम्मान, एसएसपी बोले — “हम हमेशा शहीद परिवारों के साथ हैं”
जशपुर देश की आंतरिक सुरक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर शहीद पुलिसकर्मियों की स्मृति में आज जिला मुख्यालय स्थित रक्षित केंद्र जशपुर में “पुलिस स्मृति दिवस” का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उनके परिजनों का सम्मान करते हुए उन्हें समाज के लिए प्रेरणास्रोत बताया गया।
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56 शहीद परिवार हुए आमंत्रित, शहीदों को दी गई सलामी
जिले के कुल 56 शहीद परिवारों को इस अवसर पर आमंत्रित किया गया। परेड का नेतृत्व रक्षित निरीक्षक अमरजीत खूंटे ने किया जबकि कमांडर के रूप में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के एपीसी अलिक जॉर्ज मिंज एवं वीरेंद्र तिर्की शामिल रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत पुलिस टुकड़ी द्वारा शहीदों को सलामी देने से हुई। तत्पश्चात देशभर में 01 सितम्बर 2024 से 31 अगस्त 2025 के बीच अपने कर्तव्य पालन के दौरान शहीद हुए 191 पुलिसकर्मियों के नामों का स्मरण कर श्रद्धांजलि दी गई। उपस्थित जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और शहीद परिजनों ने शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित कर नमन किया।
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क्यों मनाया जाता है पुलिस स्मृति दिवस
21 अक्टूबर का दिन पुलिस बल के लिए गौरव और श्रद्धा का प्रतीक है। वर्ष 1959 में लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स (हाटनला) क्षेत्र में भारत की पुलिस की एक छोटी टुकड़ी सीमा सुरक्षा में तैनात थी, जिस पर चीनी सैनिकों ने अचानक हमला कर दिया था। इस संघर्ष में 10 भारतीय पुलिस जवानों ने मातृभूमि की रक्षा करते हुए प्राणों की आहुति दी थी। उनके इसी सर्वोच्च बलिदान की स्मृति में हर वर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। यह दिन पुलिसकर्मियों के साहस, कर्तव्यनिष्ठा और बलिदान का प्रतीक है, जो हमें यह संदेश देता है कि देश की आंतरिक शांति और सुरक्षा के लिए पुलिस बल हर समय तत्पर रहता है।
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शहीद परिवारों का सम्मान, समस्याओं के समाधान का भरोसा
कार्यक्रम में विधायक रायमुनी भगत और एसएसपी शशि मोहन सिंह ने शहीदों के परिजनों का ससम्मान स्वागत कर उन्हें सम्मान-पत्र और स्मृति-चिह्न भेंट किए। परिजनों से मिलकर उनका हालचाल जाना गया और उन्हें यह भरोसा दिलाया गया कि वे कभी अकेले नहीं हैं — पूरा पुलिस विभाग उनके साथ है। शहीद परिवारों की समस्याओं और परेशानियों पर चर्चा कर उनके त्वरित समाधान हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए गए। इसके बाद सभी परिजनों को पुलिस लाइन में सामूहिक भोजन कराया गया तथा उन्हें सम्मानपूर्वक उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई।
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विद्यालयों में भी हुआ श्रद्धांजलि कार्यक्रम
जिले के उन विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में भी श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की गईं, जहाँ कभी शहीद पुलिसकर्मियों ने शिक्षा प्राप्त की थी। विद्यार्थियों ने मोमबत्तियां जलाकर और राष्ट्रगान के साथ शहीदों को नमन किया।
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एसएसपी शशि मोहन सिंह ने कहा हमारे शहीद पुलिसकर्मियों ने देश की सुरक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। उनकी शहादत हमें हमेशा हमारे कर्तव्यों और देशभक्ति की याद दिलाती रहेगी। हम उनके परिवारों के साथ सदैव खड़े हैं और हर संभव सहयोग देने के लिए तत्पर हैं।”
कार्यक्रम में जशपुर विधायक रायमुनी भगत, नगर पालिका अध्यक्ष अरविंद भगत, पद्मश्री जागेश्वर राम यादव, कलेक्टर रोहित व्यास, एसएसपी शशि मोहन सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनी, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) विश्वास राव मस्के, एसडीओपी जशपुर चंद्रशेखर परमा, एसडीओपी कुनकुरी विनोद मंडावी, उप पुलिस अधीक्षक मंजूलता बाज, उप पुलिस अधीक्षक आशा लकड़ा सहित शहीदों के परिजन, पुलिस अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।







