शिक्षा : प्रकृति और संस्कृति को समझने का सर्वोत्तम माध्यम है पर्यटन,दमेरा में एन ई एस कॉलेज का रासेयो दिवा शिविर का हुआ आयोजन,,

 

जशपुर जिले के अग्रणी शासकीय एन ई एस कॉलेज के प्राचार्य डॉ विजय रक्षित के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय सेवा योजना पुरुष एवं महिला इकाई का दिवा शिविर दमेरा पर्यटन स्थल में आयोजित हुआ। इस दिवा शिविर का उद्देश्य स्वच्छ भारत अभियान को चलाना था। कार्यक्रम अधिकारी डॉ विनय तिवारी एवं प्रिंसी कुजूर के पर्यवेक्षण में स्वयंसेवकों ने पूर्वान्ह में दमेरा जलप्रपात के आसपास साफ सफाई की जिसमें पॉलिथीन, पाउच,दोना पत्तल एवं अन्य प्रकार के कचरो को एकत्र कर नष्ट किया गया। मार्ग, नालियां और मंदिर परिसर में भी साफ सफाई की गई । स्वयंसेवकों ने वहां आने जाने वाले प्रत्येक पर्यटकों को पर्यटन स्थल को साफ सुथरा बनाए रखने हेतु समझाइस देकर उनमें पर्यावरण संरक्षण के प्रति संवेदना जगाई। दोपहर भोजन पश्चात बौद्धिक कार्यक्रम में कार्यक्रम अधिकारी डॉ विनय तिवारी ने स्वयंसेवकों को देश दुनिया को जानने में पर्यटन के महत्व को बतलाया । उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र की प्रकृति और संस्कृति को समझने का सर्वोत्तम माध्यम पर्यटन होता है और पर्यटन स्थलो के स्वच्छता बनाए रखने के साथ ही स्थानीय प्राकृतिक स्वरूप के संरक्षण की नैतिक जिम्मेदारी भी पर्यटकों का होता है। डा तिवारी ने दमेरा स्थल की भौगोलिक खूबियों की बात कहते हुए बात बताया कि दमेरा पर्यटन स्थल इस रियासत की महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल भी है। बौद्धिक परिचर्चा के पश्चात कार्यक्रम अधिकारियों ने स्वयंसेवकों को सन 1939 से 1945 के बीच द्वितीय विश्व युद्ध से संबंधित सुरक्षा के लिए बनाए गए संरचनाओं के अवशेषों का भी अवलोकन कराया। इस दिवा शिविर के सफल संचालन में वरिष्ठ स्वयंसेवको समीर साय पैंकरा, रविंद्र यादव, घनश्याम, रीमा सिंह , प्रतीक नायक, निक्की तिग्गा, अंजु सिंह, परमेश्वर, सोमनाथ की महत्वपूर्ण भूमिका रही। प्राचार्य डॉ विजय रक्षित ने दिवा शिविर के सफल आयोजन हेतु कार्यक्रम अधिकारियों एवं स्वयंसेवकों को बधाई दी।

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