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हमारा संविधान है विश्व का सर्वश्रेष्ठ संविधान- सत्यप्रकाश तिवारी

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Mohit Prakash

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जशपुरनगर:- संविधान निर्माण के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में 11 जनवरी शनिवार को शासकीय आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जशपुरनगर में अतिथि व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में आमंत्रित जिला अधिवक्ता संघ, जिला- जशपुर के सचिव और प्रतिष्ठित अधिवक्ता श्री सत्यप्रकाश तिवारी ने भारतीय संविधान के कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की।

श्री तिवारी ने बच्चों को संविधान की प्रस्तावना समझाते हुए कहा कि भारत में गणतांत्रिक व्यवस्था संविधान निर्माण के हज़ारों साल पहले से स्थापित रही है। महाजनपद काल का स्मरण करते हुए उन्होंने बताया कि भारतवर्ष में वज्जि, मल्ल, कुरु, कंबोज जैसे गणतंत्रात्मक राज्य थे. इन राज्यों में प्रत्येक नागरिक की राज्य में बराबर की भागीदारी ही। इसलिए गणतंत्र तो हम भारतीयों की आत्मा में समाहित है।

 

भारत के संविधान के निर्माण के लिए हमारे राष्ट्रपुरुषों ने किसी एक देश या किसी क्षेत्र विशेष के संविधान को नहीं अपनाया, बल्कि उन्होंने अकल्पनीय परिश्रम किया। उस समय विश्व के देशों में प्रचलित संविधान का अध्ययन करने के बाद भारत के संदर्भ में उनका परीक्षण किया। लम्बे-लम्बे वैचारिक मंथन हुए, तब जाकर हमारा संविधान 26 नवम्बर 1949 को निर्मित हो सका, जिसके 75 वर्ष पूरे हो चुके हैं। यह संविधान विश्व का सर्वश्रेष्ठ संविधान है।

संविधान निर्माण के दौरान घटित कुछ प्रसंगों को साझा करते हुए श्री तिवारी ने बताया कि संविधान जब लिखा गया तो उसमें पन्नों पर कई जगह खाली थी। ऐसे में आम सहमति से इन जगहों पर चित्र बनाने का फैसला लिया गया। इन चित्रों को बनाने की जिम्मेदारी उस समय के मशहूर चित्रकार और शांति निकेतन से जुड़े नंदलाल बोस को दी गई। नंदलाल बोस और उनके शिष्यों ने 22 चित्रों के अलावा संविधान के पन्नों के किनारों को भी डिजाइन किया। भगवान श्रीराम भारत के सांस्कृतिक, नैतिक और राजनैतिक मूल्यों के आदर्श रहे हैं। उनका व्यक्तित्व एवं जीवन दर्शन हमारे संवैधानिक मूल्यों के समरूप हैं।
इसलिए भारत के संविधान की मूल प्रति में मौलिक अधिकारों से जुड़े अध्याय के आरम्भ में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण का चित्र है। संविधान में भगवान श्रीराम के अलावा गीता का उपदेश देते श्रीकृष्ण के साथ अर्जुन, टीपू सुल्तान, नटराज, भगवान बुद्ध, लक्ष्मीबाई, वीर शिवाजी, मुगल सम्राट अकबर के साथ ही गंगा मैया और इसे धरती पर लाने वाले भागीरथ के भी चित्र हैं।
संविधान के महत्व पर चर्चा करते हुए श्री तिवारी ने संविधान प्रदत्त शक्तियों का विशेष रूप से उल्लेख किया। अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों के लिए विशेष प्रावधानों, मौलिक अधिकार के अंतर्गत शिक्षा का अधिकार आदि पर चर्चा करते हुए छात्रों के प्रश्नों और शंकाओं का अत्यंत सरल शब्दों में समाधान किया।
कार्यक्रम के सफल आयोजन में शासकीय आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य खान वक्कारुज्जमां खां सहित समस्त शिक्षकों और कर्मचारियों ने अपना सक्रिय योगदान दिया।

Mohit Prakash
Author: Mohit Prakash

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