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मुम्बई से आए और स्थानीय कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुतियों से परिसर हुआ राममय।

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Mohit Prakash

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रायपुर: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ी संस्कृति, परम्परा और धरोहर को पुनर्जीवित करने का काम किया जा रहा है। कौशल्या माता के धाम चन्दखुरी को अब देश-विदेश में जाना जा रहा है। इसके लिए मुख्यमंत्री और संस्कृति विभाग बधाई के पात्र हैं। उक्त बातें विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने बतौर मुख्य अतिथि कौशल्या महोत्सव को सम्बोधित करते हुए कही। इस अवसर पर कोरबा लोकसभा सांसद ज्योत्सना महंत भी मौजूद थीं।

 

 

 

 

 

तीन दिवसीय कौशल्या महोत्सव के दूसरे दिन विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत ने रामनामी समुदाय के रामभक्तों और प्रदेश के विभिन्न मानस मंडलियों को प्रशस्ति पत्र, राजकीय गमछा और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। सम्मानित मानस मंडलियों में वीणा वादिनी मानस मंडली भाटापारा, हरिदर्शन मानस मंडली जांजगीर-चांपा और ज्ञान गंगा मानस मंडली दंतेवाड़ा शामिल हैं। महोत्सव के दूसरे दिन आज मुम्बई से आए कलाकारों की प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना रविन्दर खुराना और प्रसिद्ध गायिका कविता पौडवाल और वाराणसी के व्योमेश शुक्ल, प्रसिद्ध भजन गायक प्रभंजय चतुर्वेदी-भिलाई की प्रस्तुतियों से पूरा परिसर राममय हो गया।

 

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत ने महोत्सव को सम्बोधित करते हुए कहा कि भगवान राम सर्वव्यापी हैं। वे हम सबके मन और तन में समाए है। तुलसीदास और वाल्मीकि जी की रचनाओं में श्रीराम का विस्तार से वर्णन मिलता है। डॉ. महंत ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ की विलुप्त होती संस्कृति को सहेजने का काम किया है। भगवान श्रीराम का ननिहाल और माता कौशल्या की नगरी चन्दखुरी में, जहां देश का एकमात्र कौशल्या माता का मंदिर है, उसे राष्ट्रीय एवं अतर्राष्ट्रीय पटल पर यश दिलाने का काम किया है।

 

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा रामायण और मानस मंडली प्रतियोगिता के माध्यम से राम नाम को जन-जन तक पहुंचाया गया है। एक विशेष पहल के रूप में छत्तीसगढ़ सरकार ने विदेश मंत्रालय के माध्यम से मानस मंडली के कलाकारों को विदेशों में प्रस्तुति के लिए एमओयू किया है। इसके जरिए छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति को विदेशों में भी पहचान मिलेगी।

 

मुम्बई से आई प्रसिद्ध गायिका कविता पौडवाल के भक्ति गीतों ने दर्शकों का मन मोह लिया। रामनामी समाज के लोगों की भक्ति भावना से प्रभावित होकर उन्होंने रामनामियों से राम भजन प्रस्तुत करने का आग्रह किया। सुश्री पौडवाल के आग्रह पर रामनामी समाज के लोगों ने भगवान राम के भजन गाये। सुश्री पौडवाल और रामनामी समाज की साझी प्रस्तुतियों से दर्शक भक्ति-भाव में सराबोर हो गए। मुम्बई से आई शास्त्रीय नृत्यांगना रमिन्दर खुराना ने भक्तिमय, शास्त्रीय नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी, जिसमें ओडिशी नृत्य नाटिका के माध्यम से भगवान राम के गुणों को प्रस्तुत किया। इसी प्रकार वाराणसी से आए कलाकार व्योमेश शुक्ल ने राम की शक्ति पूजा पर आधारित नृत्य नाटिका का मंचन किया।

 

रामनामी समाज और मानस मंडलियों की

प्रस्तुतियों से दर्शक हुए मंत्र-मुग्ध

आस्था, भक्ति और अध्यात्म से सराबोर और उल्लास के माहौल में आज माता कौशल्या महोत्सव के दूसरे दिन रामनामी समाज के प्रतिनिधिमंडलों और रामायण मानस मंडली ने भजन-कीर्तन किया। भगवान राम पर आधारित इन प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्र-मुग्ध कर दिया। उल्लेखनीय है कि रामनामी समाज भगवान श्रीराम के नाम को पूरे शरीर में गोदना के माध्यम से गोदवाते हैं। रामनामी समुदाय रामभक्ति के अपने अलग अंदाज, पहनावे और रहन-सहन छत्तीसगढ़ में विशेष रूप से जाना जाता है।

 

महोत्सव में पर्यटन विभाग के प्रबंध संचालक अनिल साहू, संचालक संस्कृति विवेक आचार्य, चंदखुरी नगर पंचायत अध्यक्ष रविशंकर धीवर, माता कौशल्या मंदिर समिति के पदाधिकारी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि और दर्शक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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Author: Mohit Prakash

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