कांकेर: कार को आग के हवाले कर, परिवार सहित 13 दिनों तक गुमशुदा रहकर पुलिस के साथ आंख मिचौली खेलने वाले समीर सिकदार की पूरी कहानी अब सामने आ चुकी है। अपनी मां को अंधेरे में रखकर उसे रोते—बिलखते छोड़कर उसका बेटा अपनी और पूरे परिवार की मौत का झूठा खेल खेल रहा था, जिसमें उसे सफलता नहीं मिली।
विदित है कि 1 मार्च को तड़के चारामा थाना से महज 5 किमी दूर एक खाक हो चुकी कार मिली थी। जिसकी पतासाजी पर समीर सिकदार का नाम सामने आया, तो परिवार के साथ, जिसमें पत्नी और उसके दोनों बच्चे के साथ होने की जानकारी भी सामने आई। तफ्तीश में यह तो साफ हो गया था कि कार में कोई मानव शरीर के जलकर मरने की घटना नहीं हुई है।
सवाल था कि आखिर चारों गए कहां..? पुलिस इस मामले की छानबीन करती रही, तो धमतरी के होटल, रायपुर के फोटो स्टूडियो में होने की बातें सामने आ गईं। तब यह तो स्पष्ट हो गया कि सभी जिंदा हैं, लेकिन कहां है.. यह सवाल मुंह बाए खड़ा था।
अब इस रहस्य से भी पर्दा उठ चुका है। दरअसल समीर पर 35 लाख का कर्ज चढ़ा हुआ है। कर्ज से लदे समीर ने 35 लाख के भुगतान से बचने के लिए खुद की हत्या की झूठी साजिश रची। इस बहाने वह 72 लाख रुपए के बीमा की राशि भी हड़पना चाहता था, लेकिन जली हुई कार में किसी मानव शरीर के अवशेष नहीं मिलने की वजह से उसकी मंशा पर पानी फिर गया।
समीर सिकदार ने पुलिस की पूछताछ में अपनी कारगुजारियों को स्वीकार कर लिया है। बीते 13 दिनों से पुलिस लगातार इस रहस्य को सुलझाने में लगी हुई थी। इस बीच पुलिस ने करीब 1000 सीसीटीवी फुटेज खंगाले हैं, 45 हजार से ज्यादा मोबाइल नंबरों को ट्रेस किया। हालांकि तब भी पुलिस के हाथ खाली थे। अंतत: जब सिकदार को समझ आया कि वह अपनी साजिश में फेल हो गया है, तब उसने पुलिस को फोनकर आत्मसमर्पण कर दिया। इस दौरान वह अपने ही फॉर्म हाउस में छिपा हुआ था।