रायपुर. नंदकुमार साय भाजपा से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेश में प्रवेश किया है , सीएम भूपेश बघेल एवं पीसीसी चीफ मोहन मरकाम इस मौके पर मौजूद रहेंगे ओर मुख्यमंत्री भुपेश बघेल और कांग्रेस नेताओं ने मिठाई खिलाकर नंद कुमार साय को कराया कांग्रेस प्रवेश. करवाया, कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं का बधाई देने को हुजूम लगा हुआ है गाजे बाजे के साथ नंद कुमार साय का सवागत राजीव भवन में किया गया
उन्होंने ऐसे समय में इस्तीफा दिया है, जब भाजपा को सबसे ज्यादा आदिवासी वोट बैंक को साधने की जरूरत है। क्योंकि बस्तर और सरगुजा संभाग से भाजपा का सफाया हो चुका है।
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आदिवासी नेता साय ने अपने इस्तीफे मैं लिखा है, मुझ पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। मेरी गरिमा को लगातार ठेस पहुंचाई जा रही है, जिससे मैं आहत महसूस कर रहा हूं। उन्होंने अपना इस्तीफा स्वीकार करने का आग्रह करते हुए कहा था कि बहुत गहराई से विचार करने के बाद मैंने बीजेपी में अपने सभी पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला लिया है।
दो बार के लोकसभा सांसद और तीन बार के विधायक साय पूर्व में छत्तीसगढ़ और अविभाजित मध्य प्रदेश दोनों में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। साय ने अपने त्यागपत्र में आरोप लगाया कि उनके सहयोगी साजिश रच रहे थे। और उनकी छवि खराब करने के लिए झूठे आरोप लगा रहे थे। जिससे उन्हें बहुत दुख हुआ।
बीजेपी के प्रमुख आदिवासी चेहरा एवं उत्तरी छत्तीसगढ़ से ताल्लुक रखने वाले साय पहली बार 1977 में मध्य प्रदेश में तपकरा सीट (अब जशपुर जिले में) से जनता पार्टी के विधायक चुने गए थे। वह 1980 में भाजपा की रायगढ़ जिला इकाई के प्रमुख चुने गए। और 1985 में तपकरा से भाजपा विधायक चुने गए।
1989, 1996 और 2004 में रायगढ़ से लोकसभा सदस्य और 2009 और 2010 में राज्यसभा सदस्य चुने गए। साय 2003-05 तक छत्तीसगढ़ भाजपा अध्यक्ष और 1997 से 2000 तक मध्य प्रदेश भाजपा प्रमुख रहे।नवंबर 2000 में मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद वे छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के पहले नेता बने। साय 2017 में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष बने।