मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों कर्मचारियों के लंबित मांगों को शीघ्र पूर्ण करने का भरोसा दिया:-कमल वर्मा

 

जशपुर :-

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशनके प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि केन्द्र के समान महगाई भत्ता एवं केन्द्र के समान गृह भाड़ा भत्ता के लिए चार चरणों में आंदोलन किया । आंदोलन के तृतीय चरण में प्रदेश के शासकीय कार्यालय को स्वस्फूर्त अपने मौलिक अधिकार के लिये अपने कार्यालय को बंद कर आंदोलन में सम्मिलित हुये , जिससे समस्त शासकीय कार्य ढप्प हुये ।

इस आंदोलन के कारण लंबित महगाई भत्ता 6 % की स्वीकृत करना पड़ा । परन्तु कर्मचारी अधिकारी शासन के इस निर्णय से प्रदेश के कर्मचारी अधिकारी संतुष्ट नहीं होने के कारण दिनांक 22 अगस्त 2022 से अनिश्चित कालिन आंदोलन का शंखनांद करना पड़ा ।
इस आंदोलन में फेडरेशन के 106 संगठनों ने मिलकर ऐतिहासिक संघर्ष किया । इस आंदोलन के कारण प्रदेश के आम नागरिकों को अपने शासकीय कार्य के सम्पादन के लिये भटकना पड़ा इसके साथ ही सरकार को राजस्व की हानि हुई ।
प्रदेश के कर्मचारी संगठनों के द्वारा सत्तारूढ़ पार्टी के माननीय मंत्री , सांसद , विधायकों एवं बोर्ड के अध्यक्षों , महापौर , जिला पंचायत अध्यक्षों एवं जन प्रतिनिधियों को बाईक रैली निकाल कर ज्ञापन सौपा गया । आंदोलन के दौरान माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर मुख्य सचिव के साथ दिनांक 29.08.2022 को मंत्रालय में फेडरेशन के प्रतिनिधि के साथ सकारात्मक चर्चा हुई , इस बैठक में प्रदेश के संसदीय सचिव गृह एवं जेल विकास उपाध्याय जी भी उपस्थित रहें ।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रदेश की आम जनता को शासकीय कार्य में परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुये छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी से अपने अपने कर्तव्य में वापस आने की अपील किया गया है साथ ही शीघ्र लंबित मांगों को पूर्ण करने का भरोसा दिलाया गया है । प्रदेश मुख्यिा के अपील पर भरोसा कर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी कार्य पर उपस्थित होने का निर्णय लिया गया । अपनी मांगो के संबंध में छ.ग. कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय पदाधिकारियों ने रविन्द्र चौबे जी मंत्री कृषि एवं जंल संसाधन एवं प्रवक्ता छ . ग . शासन , मा . विकास उपाध्याय संसदीय सचिव छ.ग. शासन , यू .डी . मिंज संसदीय सचिव , वृहस्पति सिंह सरगुजा आदिवासी विकास प्राधिकरण को अवगत कराया गया ।

उनके द्वारा भी आश्वस्त कराया गया कि आपकी मांगों के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री से चर्चा कर फेडरेशन के प्रांतीय पदाधिकारियों का मुलाकात करायी जायेगी ।
सभी माननीयगण के पहल से दिनांक 29 अगस्त 2022 को मुख्य सचिव से फेडरेशन के प्रतिनिधियों की चर्चा हुई । फेडरेशन के सुझाव को मुख्य सचिव ने गंभीरता से लेते हुए माननीय मुख्य मंत्री जी से चर्चा कर फैसला लेने का आश्वासन देते हुए हड़ताल वापस लेने की अपील की गई । साथ ही माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा भी सार्वजनिक रूप से प्रदेश के आम जनता को रही कठिनाईयों को देखते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से हड़ताल वापस लेने की अपील की गई । फेडरेशन के प्रांतीय निकाय की बैठक रायपुर में दिनांक 01 सितंबर को रखी गई थी । उक्त बैठक में फेडरेशन से जुड़े विभिन्न संगठनों के प्रांताध्यक्ष , संभाग प्रभारी , संभाग संयोजक एवं जिला संयोजकों को आमंत्रित किया गया था । उक्त बैठक में प्रांतीय संयोजक द्वारा मुख्य सचिव को दिये गये सुझावों को निम्नानुसार बताया गया :

( 1 ) शासन द्वारा जारी स्वीकृत 06 प्रतिशत मंहगाई भत्ते को देय तिथि से स्वीकृत किया जावे । देय तिथि जुलाई 2021 से जुलाई 2022 तक का एरियर्स को कर्मचारियों के जी.पी.एफ. खाता में जमा करते हुए 05 वर्ष तक आहरण में रोक लगा दी जावे ।

( 2 ) महंगाई भत्ता का शेष 6 प्रतिशत या 3 प्रतिशत दिवाली या राज्य निर्माण दिवस के पूर्व स्वीकृत किया जावे ।

( 3 ) गृह भाड़ा भत्ता जो कि वर्ष 2016 से पुनरीक्षित नहीं की गई है , उसे पुनरीक्षित की जावे ।

बैठक में प्रांतीय संयोजक द्वारा सरकार और फेडरेशन के बीच मध्यस्थता कर रहे माननीय श्री रविन्द्र चौबे जी , मंत्री एवं प्रवक्ता , छत्तीसगढ़ शासन से चल रही वार्ता की जानकारी देते हुए प्रस्ताव दिया गया कि कोर कमेटी को अंतिम आगामी आंदोलन का निर्णय लेने हेतु अधिकृत किया जावे ।

उक्त प्रस्ताव को बैठक में उपस्थित समस्त सदस्यों द्वारा सहमति दी गई । माननीय मंत्री रविन्द्र चौबे जी के साथ फेडरेशन के प्रतिनिधियों की बैठक मंत्री निवास में दिनांक 02 सितंबर 2022 को संपन्न हुआ । माननीय मंत्री जी ने अवगत कराया की मुख्य सचिव को दिये गये सुझाव को माननीय मुख्यमंत्री जी ने सहमति दी है । माननीय मंत्री जी एवं फेडरेशन के प्रतिनिधियों के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता कर लिये गये निर्णय की जानकारी दी गई ।

उक्त प्रेस वार्ता में प्रांतीय संयोजक द्वारा आंदोलन स्थगित करने की सूचना दी गई , साथ ही सरकार यदि इन मांगो पर शीघ्र कार्यवाही नहीं करती तो फेडरेशन पुनः आंदोलन करने हेतु बाध्य होगा ।

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