जशपुर। केसीसी ऋण घोटाले के मुख्य आरोपी और 8 साल से फरार चल रहे बैंक मैनेजर अनुराग दास को जशपुर पुलिस ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर दो ग्रामीणों के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए 5.60 लाख रुपये का ऋण निकाला था। धोखाधड़ी का यह मामला थाना बागबहार क्षेत्र का है।
किसानों को ठगा, दस्तावेजों में लगवाया फर्जी अंगूठा
वर्ष 2013-14 में गांझू राम नागवंशी और दिल साय नाग नामक दो ग्रामीणों ने शिकायत दी थी कि उनके नाम पर बिना जानकारी के KCC ऋण निकाल लिया गया। बैंक से जब ऋण वसूली का नोटिस आया तब उन्हें ठगी का पता चला। बैंक दस्तावेजों में फर्जी फोटो, हस्ताक्षर और अंगूठे का उपयोग कर 3.10 लाख और 2.50 लाख रुपये के ऋण स्वीकृत किए गए थे।
मुख्य आरोपी अनुराग दास की थी बड़ी भूमिका
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा बागबहार के तत्कालीन मैनेजर अनुराग दास ने आरोपियों के साथ मिलकर दस्तावेजों की बिना जांच किए ऋण स्वीकृत किए और पूरी रकम निकाल कर गबन कर ली। पुलिस ने पहले ही अन्य कई आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन अनुराग दास फरार चल रहा था।
एसएसपी का बयान:
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने कहा,
> “बैंक मैनेजर अनुराग दास की भूमिका की लंबे समय से जांच की जा रही थी। तकनीकी सहायता और ठोस सूचनाओं के आधार पर टीम को औरंगाबाद में सफलता मिली। आरोपी से पूछताछ में उसने जुर्म स्वीकार किया है, जिसे न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। यह कार्रवाई हमारी टीम की सूझबूझ और सतत प्रयास का परिणाम है।”
जांच में कई गिरफ्तारियां, एक की मौत, सरपंच अग्रिम जमानत पर
इस मामले में जनक यादव, गंगा यादव, पीताम्बर यादव, दनार्दन यादव, मोहर साय और ननकी राम राउत को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। एक आरोपी लोदो राम की मृत्यु हो चुकी है, जबकि तत्कालीन महिला सरपंच रूखमणि नाग अग्रिम जमानत पर है।
पूरे ऑपरेशन में इन अधिकारियों की रही भूमिका:
इस गिरफ्तारी में अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) पत्थलगांव श्री धुर्वेश जायसवाल, थाना प्रभारी अशोक शर्मा, आरक्षक राजेंद्र रात्रे और योगेन्द्र पटेल की सराहनीय भूमिका रही।
