भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री होंगे। सोमवार को कंजरवेटिव पार्टी के संसदीय दल ने सुनक को नेता चुना। उनके चैलेंजर पेनी मॉर्डॉन्ट ने नाम वापस ले लिया। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी अपना नाम वापस ले लिया था। सुनक को करीब 200 सांसदों का समर्थन मिला था।
प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद सुनक ने पार्टी सांसदों के साथ निजी बैठक की. इसमें मीडिया की एंट्री नहीं हुई थी। द गार्जियन के मुताबिक सुनक ने बैठक में कहा- अब हमें हर मोर्चे पर एकजुट होना होगा. मैं जिस पार्टी से प्यार करता हूं उसकी सेवा करूंगा। देश को कुछ वापस देना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है। मैं वादा करता हूं कि मैं ईमानदारी से काम करूंगा।
आर्थिक स्थिति को सुधारना सबसे बड़ी चुनौती
रिपोर्ट्स के मुताबिक किंग चार्ल्स पीएम का नियुक्ति पत्र सुनक को सौंपेंगे. सुनक 28 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। इसके बाद 29 अक्टूबर को कैबिनेट की घोषणा की जाएगी। प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद सुनक को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। सबसे कठिन चुनौती ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में सुधार की होगी।सुनक की जीत का एक बड़ा कारण उनकी बैंकर छवि है। पीएम के रूप में ट्रस की विफलता का सबसे बड़ा कारण आर्थिक मोर्चे पर विफलता थी। ब्रिटेन में मुद्रास्फीति चुनाव का एक प्रमुख मुद्दा था। ब्रिटेन में आर्थिक अस्थिरता भी थी, जिसके बाद जॉनसन सरकार में वित्त मंत्री रह चुके सुनक ने आर्थिक राहत योजना लाई, इसे मध्यम वर्ग ने काफी सराहा और लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता बढ़ती गई।
नारायण मूर्ति के दामाद हैं सुनक
ऋषि भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद हैं। ऋषि सुनक के माता-पिता पंजाब के रहने वाले थे, जो विदेश में बस गए थे। सुनक का जन्म ब्रिटेन के हैम्पशायर में हुआ था।ऋषि ने अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से MBA किया है. सुनक ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से राजनीति, दर्शन और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की है। राजनीति में आने से पहले ऋषि इन्वेस्टमेंट बैंक में काम करते थे। इसके बाद उन्होंने एक इन्वेस्टमेंट फर्म की भी स्थापना की।
उनकी मां फार्मासिस्ट हैं और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एमएचएस) में कार्यरत हैं। सुनक के पिता ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं।