जशपुर द प्राइम न्यूज़ ब्यूरो : यूक्रेन की राजधानी कीव में यूक्रेन और रूस की सेना के बीच चल रहे घमासान में फंसी जशपुर की बेटी प्रगति मिश्रा अंतत: तमाम कठिनाईयों को पार करते हुए पड़ोसी देश रोमानिया के सहायता शिविर में पहुंच गई है। बेटी के सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचने की खबर से प्रगति के स्वजनों ने भी राहत की सांस ली है।
उनके पिता रामजी मिश्रा ने बताया कि प्रगति ने फोन पर इसकी जानकारी दी है। उन्होनें बताया कि प्रगति कीव से एक दिन पहले अन्य लोगों के साथ कीव के अपने अपार्टमेंट से बम धमकों और फायरिंग की भयावह धमाकों के बीच निकल कर रेल स्टेशन पहुंची और यहां से ट्रेन पकड़ कर रोमानिया की सीमा तक पहुंचने वाले स्टेशन तक सुरक्षित तरीके से पहुंच गई। हालांकि इस दौरान हो रही भारी बर्फबारी ने प्रगति सहित सभी लोगों को खूब परेशान किया। यहां के अंतिम स्टेशन से रोमानिया की सीमा तक पैदल यात्रा कर,रोमानिया में बने हुए शिविर तक पहुंची।
प्रगति ने स्वजनों को बताया कि रोमानिया के शिविर में उसके साथ भारत के 2 हजार लोग रूके हुए है। भारत सरकार ने सभी के लिए कंबल और खाने पीने की बेहतर व्यवस्था की हुई है। यहां तैनात दूतावास के कर्मचारियों ने जल्द ही उन्हें भारत भेजने की व्यवस्था का भरोसा दिया है।
जानकारी के लिए बता दें कि शहर के नवाटोली की रहवासी प्रगति मिश्रा,यूक्रेन के नेशनल मेडिकल कालेज की अंतिम वर्ष की छात्रा है। वह कीव के एक अपार्टमेंट में रह कर अपनी पढ़ाई कर रही थी। इसी दौरान रूस के साथ चल रहे यूक्रेन के संघर्ष में वह बुरी तरह से फंस गई थी। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन के परमाण हमले की तैयारी से प्रगति के स्वजन बुरी तरह से सहमे हुए थे और भारत सरकार से बेटी को सुरक्षित वापस लाने की गुहार लगा रहे थे। बेटी के सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचने की सूचना से प्रगति के पिता रामजी मिश्रा के साथ उनकी मां श्रीमती रंजना मिश्रा और भाई श्रेयस मिश्रा ने राहत की सांस ली है।
रामजी मिश्रा ने बताया कि सरकार में उच्च अधिकारियों से उनकी बात हुई ओर बेटी को वापस लाने का भरोसा दिखाया था, उन्होंने बताया कि जशपुर पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल से उनकी मुलाकात हुई और उन्होंने भी प्रगति से सीधे विडियो काल पर बात चीत कर हाल चाल जाना।।