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बजट के बहाने कारोबारी घरानों से संबंधों को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र पर किया कटाक्ष।

 

भारत जोड़ो यात्रा के समापन रैली में शामिल होकर लौटे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बोले।

 

रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल श्रीनगर से रायपुर लौट आए। वे भारत जोड़ो यात्रा के समापन रैली में शामिल होने गए थे। रायपुर में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने केंद्रीय बजट के बहाने केंद्र सरकार और एक कारोबारी घराने के कथित संबंधों पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, अभी तक लगातार ट्रेनें रद्द हो रही हैं, रेलवे स्टेशन बिक रहे हैं, अब तो कुछ दिन थम ही जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, छत्तीसगढ़ में सारी ट्रेने बंद कर दी गई थीं। नई ट्रेन जगदलपुर के लिए हो यह लोगों की डिमांड है। इसके लिए आंदोलन भी हुए। उसी प्रकार से सरगुजा साइड भी ट्रेनों की डिमांड है। यह हो जाए। वैसे भी रेल बजट तो बंद हो गया है तो अलग से कोई चर्चा तो होती नहीं, न ही डिमांड होती है।

लगातार ट्रेनें रद्द भी हो रही हैं, रेलवे स्टेशन बिक भी रहे हैं। अब तो शायद कोई खरीदने वाला…, कुछ दिन तो यह थम ही जाएगा। जो नगरनार जैसे स्टील प्लांट हैं वह न बिके। हम लोगों ने तो विधानसभा में पारित किया है कि इसे राज्य सरकार को दे दें। इसे हम लोग चलाएंगे। छत्तीसगढ़ के लिए जो हम लोगों ने डिमांड किया है कि कोयले की रॉयल्टी का जो पैसा है, हमारे जीएसटी का पैसा है, सेंट्रल एक्साइज का पैसा है वह हमको दे दें। 2014 के बाद से काेयले की रायल्टी बढ़ी नहीं है। हर तीन साल में उसे बढ़ाने की बात कही गई थी लेकिन उसके बाद से उसमें कोई इजाफा नहीं हुआ।

 

भारत जोड़ो यात्रा को काफी सफल बताया।

 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, राहुल जी की पदयात्रा एक असंभव सा काम था। लोग सोच रहे थे कि कर पाएंगे कि नहीं कर पाएंगे। जिस दिन से घोषणा हुई थी और जब पदयात्रा शुरू हुई थी तबसे यह चर्चा थी। जैसे-जैसे पदयात्रा आगे बढ़ती गई लोग उससे जुड़ते गए। किसान, मजदूर, महिलाएं, बुजूर्ग, युवा, बच्चे सारे लाेग, सभी वर्गों के लोग उससे जुड़ते गये। भारत जोड़ो यात्रा का समापन कश्मीर में कैसे होगा लेकिन उन्होंने वह कार्य भी कर दिखाया। श्रीनगर जाकर लाल चौक पर झंडा भी फहराया। यह बहुत सफल आयोजन रहा।

 

पहली बार देखी थी गिरती हुई बर्फ

 

श्रीनगर के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, जब हम लोग सात सितम्बर को निकले थे तब बादल भी था। हल्की बारिश हो रही थी। जब यहां पहुंचे तो भारी बर्फबारी हो रही थी। उस बर्फबारी में भी राहुल जी का भाषण हुआ। वहां सभी दलों के लोग थे। हम लोगों के लिए तो यह भी नया अनुभव था कि बर्फ में कैसे लोग रहते हैं। बर्फ गिरते तो पहली बार हम लोगों ने देखा।

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